त्रिलोक तीर्थ धाम बना है श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र
बागपत 31 अगस्त : उत्तर प्रदेश में बागपत की धर्म नगरी बड़ौत में बुधवार शुरू हुये दशलक्षण पर्व को लेकर जैन श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है। जैन श्रद्धालु बड़े ही उत्साह के साथ दशलक्षण पर्व को मनाते है। नगरों को तोरण द्वारो से सजाया जाता है।
दरअसल, बागपत की धर्मनगरी बड़ौत का धार्मिक गतिविधियों से वर्षों से गहरा नाता रहा है। यहां पर देश के प्रसिद्ध सुधर्माचार्य के सानिध्य में चातुर्मास व पंचकल्याणक हो चुके हैं। इतना ही नहीं यहाँ जैन धर्म के 13वे तीर्थंकर मल्लिका भगवान का 17 बार समोशरण हो चुका है।
चातुर्मास और पंचकल्याणक में देश के वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह व उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल सूरजभान तक भी शामिल हो चुके है। बड़ागांव के त्रिलोक तीर्थ धाम के पंचकल्याणक महोत्सव में राजनीतिक क्षेत्र की तमाम हस्तियां भाग ले चुकी है।
दिगंबर जैन प्रमागम मंदिर कमेटी बड़ौत के अध्यक्ष विनोद कुमार जैन ने बताया कि जिले में कमोवेश एक सौ जैन मंदिर है। ये मंदिर जनपद के बरनावा, बड़ागांव, बिनौली, टीकरी, सरूरपुर, बावली, कोताना, बागपत, दोघट, अमीनगर सराय, खेकड़ा, दाहा, अग्रवाल मंडी टटीरी, किशनपुर बराल, मलकपुर, बड़ौली आदि गांवों व कस्बो में स्थित है। अकेले धर्मनगरी के रूप में पहचान बनाने वाले बड़ौत में ही जैन धर्म से जुड़े 11 मंदिर हैं। जिसमें बड़ा जैन मंदिर, दिगंबर जैन मंदिर, गुराना रोड, दिगंबर जैन मंदिर पारस बिहार, साधुवृति आश्रम दिगंबर जैन मंदिर दिल्ली रोड, दिगंबर जैन अतिथि भवन मंदिर, अजितनाथ दिगंबर जैन मंदिर, शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर कैनाल रोड, महावीर स्वामी दिगंबर जैन प्रमागम मंदिर व श्वेतांबर मंदिर आदि शामिल हैं। यहां पर जैन श्रद्धालु नियमित पूजा अर्चना करते हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 में बड़ौत व त्रिलोक तीर्थ धाम के पंचकल्याणक में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव में मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व यूपी के तत्कालीन राज्यपाल सूरजभान आदि राजनेता शामिल हो चुके हैं।
बड़ौत में ही वर्ष 1992 में आचार्य संमति सागर महाराज के सानिध्य में हुए चातुर्मास में महाराज का आशीर्वाद लेने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ भी पहुंचे थे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी आचार्य संतमति सागर महाराज के सानिध्य में हुए चतुर्मास में महाराज का आशीर्वाद लेने आए थे।
महावीर स्वामी दिगंबर जैन परमागम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार जैन ने बताया कि वर्ष 1931 में नगर में मात्र दो मंदिर थे। जिनमें एक दिगंबर जैन बड़ा मंदिर व एक दिगंबर जैन छोटा मंदिर। यहां पर देश के सुप्रसिद्ध आचार्य शांतिसागर महाराज आए थे। 1965 में आचार्य विद्यानंद महाराज, वर्ष 1976 में आचार्य धर्म सागर महाराज, वर्ष 1987 में आचार्य कुंद सागर महाराज, वर्ष 1996 में आचार्य पुष्पदंत सागर महाराज व आचार्य सौरभ सागर महाराज, वर्ष 2009 में मुनि विमर्श सागर महाराज, वर्ष 2012 में आचार्य गुप्तिनंदी महाराज, वर्ष 2014 में आचार्य विमर्श सागर महाराज शामिल हुए थे। नगर में आए जैनाचार्य आचार्य विद्यानंद महाराज, आचार्य धर्मसागर महाराज पर नगरवासियों ने हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की थी।