सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर कार्य को गति देंः शुक्ल
शिमला 16 अप्रैल : हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि रसायन खेती से आज जमीन बंजर हो रही है और जो अन्न पैदा हो रहा है वह स्वास्थ्य की दृष्टि से नुकसानदायक है। इसलिए हमें किसानों को प्राकृतिक कृषि के प्रति प्रेरित करने की आवश्यकता है।
श्री शुक्ल ने जहां केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट ली, वहीं अधिकारियों से प्राकृतिक कृषि, नशामुक्ति तथा मोटे अनाज की खेती बारे जागरूकता पर कार्य करने की अपील भी की। बैठक में जानकारी दी गई कि नंगल से तलवाड़ा रेलवे लाईन में दौलतपुर से तलवाड़ा मिसिंग लिंक का कार्य शुरू किया जा चुका है, जिसपर 289 करोड़ रुपये भारत सरकार द्वारा व्यय किए जा रहे हैं।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभिन्न योजनाओें के लिए स्वीकृत राशि का सदुपयोग सुनिश्चित होना चाहिए और काम की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर ही कार्य को गति देनी चाहिए तभी सभी को लाभ मिल सकता है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने हरोली के पोलियां बीत में 1923 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे बल्क ड्रग पार्क की स्थिति की जानकारी भी प्राप्त की।
उन्होंने हिन्दुस्तान पैट्रोलियम कैमिकल लिमिटेड (एच.पी.सी.एल) द्वारा जीतपुर मेड़ी में बनने वाले फर्स्ट जनरेशन एथिनल प्लांट का कार्य, मातृ एवं शीशु उपचार केंद्र, पी.जी.आई. सैटेलाईट सेंटर, हरोली के सलोह में बन रहे केंद्रीय विश्वविद्यालय, क्रिटिकल केयर यूनिट, नेशनल कैरियर सेंटर फॉर डिफरैंटली एबल्ड चाइल्ड तथा राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यों की समीक्षा की तथा सभी कार्यो को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कृषि विभाग को मोटे अनाज को लेकर भी लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष को ‘पोषक अनाज वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे ‘श्री अन्न’ का नाम दिया है। उन्होंने कहा कि विभाग को चाहिए कि वे किसानों को इसके लाभ के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व इस दिशा में ध्यान दे रहा है। इसलिए इस की सफलता विभागीय कर्मियों पर निर्भर करती है। उन्होंने विभाग को इस बारे में अधिक से अधिक शिविर लगाने के निर्देश दिए।
राज्यपाल ने कहा कि जिला स्तर पर केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाना चाहिए और इसमें गुणात्मकता का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ-साथ लोगों को योजनाओं के बारे में जागरूक करने का दायित्व भी अधिकारियों का है।
श्री शुक्ल ने कहा कि योजनाओं को कार्यान्वित करने से पूर्व अधिकारी स्वयं इन योजनाओें से संतुष्ट होने चाहिए तभी वे समर्पण से कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर योजना का लाभ हो रहा है तो उस पर दृढ़ता से काम होना चाहिए। यदि योजना में कहीं कोई कमी है तो इस बारे में भी सरकार को अवगत करवाने का सामर्थ्य होना चाहिए तभी योजना व लोगों से न्याय कर सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है और यहां नशे के अवैध धंधे के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने ऊना प्रवास के दौरान उन्होंने नशानिवारण केंद्र का दौरा भी किया। ऐसे केंद्रों में और बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिएं। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ पूरे समाज को मिलकर कार्य करना है क्योंकि नशे का समाज पर वितरीत प्रभाव पड़ता है।