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एसएसएलवी-डी वन की हैं कई खूबियां

चेन्नई 04 अगस्त : उपग्रह ईओएस-02 और आजादीसैट को सात अगस्त को प्रक्षेपित करने जा रहे देश के छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान(एसएसए) अपने आप में कई खूबियां सजाए है। यह अपनी तरह का पहला अंतरिक्ष मिशन है जिसका प्रचार करने के लिए ‘ऑल वूमेन कॉन्सेप्ट’ है।

इसमें 34 मीटर लंबा तीन स्टेज वाले इस प्रक्षेपण यान की सभी स्टेज में सॉलिड प्रोपल्शन का इस्तेमाल किया गया है जो 120 टन का भार वहन करने की क्षमता रखता है।

एसएसएलवी-डी वन की पहली विकासीय उड़ान रविवार को नौ बजकर 18 मिनट पर श्रीहरिकोटा से होगी। इसकी पहली स्टेज की लंबाई 22़ 5 मीटर दूसरी की 3़ 2 मीटर और तीसरी की 2़ 8 मीटर होगी।

यूं तो एसएसएलवी में कई खूबियां हैं लेकिन इसके एसएस1 की मोटर में इसरो के तीसरी सबसे बड़े सॉलिड बूस्टर का इस्तेमाल किया गया है और एसएस 3 की मोटर साॅलिड मोटर स्टेज उच्चतक कम्पोजिट स्तर की है। इन सारी खूबियों से युक्त एसएसएलवी पृथ्वी की निचली कक्षाओं में उपग्रह स्थापित करने के लिए तैयार है।

भारत अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव मना’ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था ( इसरो)भी इस उत्सव में शामिल है। इस उपग्रह को देश के 75 स्कूलों की 750 छात्राओं ने बनाया है। इसे इसरो के नए उपग्रह यान एसएसएलवी-डी वन से छोड़ा जाएगा। इसका वज़न आठ किलोग्राम है और इसमें 75 फेमटो एक्सपरिमेंट, सेल्फी कैमरे लगाए गए हैं, जो अपने सौर पैनलों और लंबी दूरी के संचार ट्रांसपोंडर की तस्वीरें लेगें।

साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (एसटीईएम) में महिलाएं को आगे लाने के लिए इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र की थीम के रूप में ‘अंतरिक्ष में महिलाएं’ है। इस अवसर को सरकार तक पहुंचाने के लिए नीति आयोग ने इस परियोजना में भागीदारी की है। पूरे भारत में स्कूली छात्राएं और हेक्सावेयर कंपनी इस परियोजना का वित्तपोषण कर रही हैं।

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