शहीदों के परिजनाें की देखभाल कर कृतज्ञता तो जता ही सकते हैं हम: दत्तात्रेय
अंबाला,15 अगस्त : हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने 76वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर सोमवार को कहा कि शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो चुकाया नहीं जा सकता लेकिन लोग उनके परिजनों की देखभाल करके उनके प्रति अपनी कृतज्ञता अवश्य जता सकते हैं।
श्री दत्तात्रेय ने अंबाला कैंट के एस.डी.कॉलेज प्रांगण में राज्य स्तरीय समारोह के दौरान ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। इससे पहले उन्होंने एस डी कॉलेज अम्बाला छावनी में ही शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर राज्यपाल ने स्वतंत्रता दिवस की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं तथा समारोह में कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों के लिए तीन लाख रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप देने की घोषणा की। उन्होंने समारोह में युद्ध वीरांगनाओं, स्वतंत्रता सेनानी के परिजनों और शुभ्र ज्योत्सना पेंशन के लाभार्थियों को भी सम्मानित किया।
राज्यपाल ने कहा,“ हम अपने शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो नहीं चुका सकते, लेकिन उनके परिजनों की देखभाल करके उनके प्रति अपनी कृतज्ञता अवश्य जता सकते हैं। वीरगति को प्राप्त होने वाले सैनिकों और अर्द्ध-सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली अनुदान सहायता 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गई है। ”
उन्होंने कहा कि सरकार ने ‘सुशासन से सेवा का संकल्प’ लिया है। गरीब लोगों का जीवन-स्तर ऊंचा उठाने के लिए ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’ शुरू की है। प्रदेश में यह वर्ष अंत्योदय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसके तहत सबसे गरीब परिवारों की पहचान करके उनकी वार्षिक आय कम से कम 1.80 लाख रुपये की जाएगी।
राज्यपाल ने कहा कि नयी शिक्षा नीति के अनुरूप स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ा है। प्रदेश में कई विश्वविद्यालयों में के जी से पी जी तक की शिक्षा एक ही परिसर में देने की शुरुआत की जा चुकी है। प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देने के लिए प्रदेश में 138 नये संस्कृति मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल खोले गए हैं। प्रदेश में शिक्षा और शिक्षा से जुड़ी योजनाओं और कार्यक्रमों पर इस वर्ष 20,000 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही
है।
उन्होंने कहा कि धन के अभाव में प्रतिभा दबी न रहे, इसके लिये सरकारी स्कूलों के होनहार विद्यार्थियों को सरकारी खर्च पर कोचिंग देने के लिए ‘सुपर-100 कार्यक्रम’ शुरू किया है। यह गर्व की बात है कि इसके तहत कोचिंग पाने वाले विद्यार्थी जेईई और एईईटी जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में मेरिट में स्थान प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं ने शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी बड़ी उपलब्धियां प्राप्त की हैं। गत सप्ताह बर्मिंघम में सम्पन्न हुए राष्ट्र मंडल खेलों में कुल 61 पदकों में से 20 पदक हरियाणा के खिलाडिय़ों ने जीते हैं, जिनमें नौ स्वर्ण पदक हरियाणा के नाम हैं। महिला हॉकी में कांस्य पदक जीतने वाली टीम में तो नौ खिलाड़ी हरियाणा की हैैं। इसके लिए वे सभी खिलाडिय़ों को बधाई देते हैं।
उन्होंने कहा कि पशुपालन भी हमारी आजीविका का प्रमुख साधन है। इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर ’पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ शुरू की है। इसमें 60 हजार पशुपालकों को 796 करोड़ रुपये के ऋण दिए गए हैं। प्रदेश में अब दूध का वार्षिक उत्पादन 112.84 लाख टन तक पहुंच गया है। इससे हरियाणा में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता भी 1060 ग्राम हुई है जो देश में दूसरे स्थान पर है।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि पर्यावरण, प्रकृति और धरती को बचाने में भी हरियाणा ने ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। पिछले सप्ताह ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 900 करोड़ रुपए की लागत से पानीपत में ईथेनॉल बायो रिफाइनरी की शुरूआत की
है। रिफाइनरी में पराली, भूसे, गन्ने की खोई और मक्के के भूसे से इॅथेनॉल तैयार होगा और किसानों को अपनी फसल का भूसा जलाना नहीं पड़ेगा बल्कि उनके लिए आमदनी का स्रोत होगा।
उन्होंने कहा, “ बिजली विकास का आधार है। आज प्रदेश में उपभोक्ताओं को पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल रही
है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ‘म्हारा गांव जगमग गांव योजना’ के तहत प्रदेश के लगभग 80 प्रतिशत गांवों को 24 घण्टे बिजली दी जा रही है। ”
उन्होंने कहा कि अर्थ-व्यवस्था को आगे बढ़ाने में उद्योगों का बड़ा योगदान है। हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति-2020 लागू की है। इस नीति का लक्ष्य पांच लाख नयी नौकरियों का सृजन करना, एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश जुटाना और निर्यात को दोगुणा करना है।
राज्यपाल ने अपील की कि स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर हम अपनी महान सांस्कृतिक परम्पराओं और उच्च नैतिक एवं मानवीय मूल्यों पर चलते हुए राष्ट्र और हरियाणा को स्वच्छ, स्वस्थ और खुशहाल और आत्मानिर्भर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लें। तभी वीर सेनानियों का स्वराज से सुराज का सपना साकार होगा।
इस अवसर पर उपायुक्त विक्रम सिंह ने जिला प्रशासन की ओर से महामहिम राज्यपाल को स्मृति चिह्न भेंट किया।