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हम युद्ध में विश्वास नहीं रखते, हम पर थोपा गया तो हम लड़ेंगे: सिंह

ईटानगर, 03 जनवरी : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत वसुधैव कुटुम्बकम (दुनिया एक परिवार है) के दर्शन को अपनाता है और कभी भी युद्ध को प्रोत्साहित नहीं करता है। हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता है, लेकिन अगर कोई उकसाता है, तो देश के पास हर स्थिति का सामना करने की क्षमता है।

अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले से बीआरओ द्वारा निर्मित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सियोम ब्रिज और 27 अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए श्री सिंह ने कहा, “भारत एक ऐसा देश है जो कभी भी युद्ध को प्रोत्साहित नहीं करता है और हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता है। यह हमारा दर्शन भगवान राम से और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से विरासत में मिला है।” उन्होंने कहा कि भारत के पास किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने की पूरी क्षमता है।

उन्होंने कहा, “दुनिया आज कई तरह के संघर्षों को देख रही है। भारत हमेशा युद्ध के खिलाफ रहा है। यह हमारी नीति है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस संकल्प की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया, जब उन्होंने कहा कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है’।”

रक्षा मंत्री ने कहा, “हम युद्ध में विश्वास नहीं करते हैं, लेकिन अगर यह हम पर थोपा गया, तो हम लड़ेंगे। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राष्ट्र सभी खतरों से सुरक्षित रहे। हमारे सशस्त्र बल तैयार हैं और यह देखकर खुशी हो रही है कि बीआरओ उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है।”

उन्होंने परियोजनाओं को सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों को बढ़ाने और दूर-दराज के क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास की दिशा में भारत सरकार और बीआरओ के ठोस प्रयासों का फल बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने और अपने निवासियों के विकास को सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से देश की सुरक्षा को मजबूत करने में बीआरओ द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पिछले महीने की सीमा संघर्ष के एक स्पष्ट संदर्भ में उन्होंने कहा, “हाल ही में हमारी सेना ने उत्तरी क्षेत्र में प्रतिकूल स्थिति का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया और बहादुरी तथा मुस्तैदी के साथ स्थिति से निपटा। यह क्षेत्र में पर्याप्त ढांचागत विकास के कारण संभव हुआ है। यह हमें दूर-दराज के क्षेत्रों की प्रगति के लिए और भी अधिक प्रेरित करता है।”

सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास को गेम चेंजर बताते हुए श्री सिंह ने दूर-दराज के क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए बीआरओ की सराहना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है, जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है।

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