मोदी के मानगढ़ धाम दौरे से कांग्रेस और भाजपा दोनों नेताओं को लगी हैं उम्मीदें
बांसवाड़ा 30 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक नवंबर को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित ऐतिहासिक मानगढ़ धाम के एक दिवसीय दौरे से राज्य की सत्तारुढ़ कांग्रेस एवं विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों ही दलों के नेताओं को उम्मीद लगी है कि वह इस दौरान राजस्थान का जलियांवाला बाग कहे जाने वाले मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे।
श्री मोदी एक नवंबर को मानगढ़ धाम आयेंगे जहां वह केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री के दौरे के बारे में खबर आते ही इस ऐतिहासिक मानगढ़ धाम की यादें ताजा होने लगी और जहां भाजपा उनके दौरे से आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजस्थान सहित उससे लगते गुजरात एवं मध्यप्रदेश के क्षेत्रों के आदिवासी लोगों में एक संदेश जाने की उम्मीद कर रही है, क्योंकि इस कार्यक्रम में श्री मोदी की होने वाली जनसभा में एक लाख से अधिक आदिवासियों के जुटने की उम्मीद है वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उम्मीद जता चुके है कि श्री मोदी इस दौरान मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर देंगे। हाल में उनके दौरे को लेकर हुई राजस्थान और गुजरात के मुख्य सचिवों के साथ एक बैठक में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को आश्वस्त किया है कि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक बनाने में हरसम्भव मदद की जाएगी। श्री गहलोत मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने के लिए दो बार प्रधानमंत्री को पत्र भी लिख चुके है।
श्री गहलोत ने रविवार को गुजरात में एक जनसभा में भी उम्मीद जताते हुए कहा कि अभी चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री दबाव में हैं और उन्हें मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद हैं कि वह इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे। इसी तरह राजस्थान के जनजाति मंत्री अर्जुन बामनियां ने प्रधानमंत्री से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक बनाने की मांग की है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा है कि प्रधानमंत्री इस ऐतिहासिक स्थल पर आएंगे तो जनजाति क्षेत्र में संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि उसके भले ही कोई सियासी अर्थ लगाए लेकिन प्रधानमंत्री आदिवासियों के उत्थान का संदेश देकर जरूर जाएंगे। उन्होंने कहा कि श्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब से ही इस स्थान के लिए उनका विशेष लगाव रहा है और उनकी इच्छा रहती है जिन्हें इतिहास में मजबूती से पढ़ाया,दिखाया और सिखाया नहीं गया, ऐसे स्मारकों को वह ज्यादा महिमामंडन करें ताकि नई पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सकें।
भाजपा के जनजाति मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र मीणा भी कह चुके है कि मानगढ़ धाम के स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब 1500 आदिवासियों के बलिदान स्थल मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक स्थल के राष्ट्रीय स्मारक घोषित होने से विकास होगा और जिस तरह बिरसा मुंडा के आजादी के आंदोलन में योगदान की वजह से जनजाति गौरव दिवस मनाया गया उसी तरह मानगढ़ धाम और गोविंद गुरू पर कार्यक्रम आयोजित हो सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि मानगढ़ धाम ब्रिटिश सेना की ओर से वर्ष 1913 में आदिवासी-भीलों के सामूहिक नरसंहार के लिए जाना जाता है। इसमें संत गोविंद गुरु के नेतृत्व में लगभग 1500 आदिवासियों ने बलिदान दिया था।