मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी पांचवें वेतन आयोग के तहत कार्मिकों/पेंशनरों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता सहित विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी
जयपुर, 06 जुलाई : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में पांचवें वेतन आयोग के तहत कार्यरत कार्मिकों एवं पेंशनरों को गत जनवरी से बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता देने के प्रस्ताव के अनुमोदन सहित विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
प्रस्ताव के अनुसार पांचवें वेतन आयोग तथा राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 1998 के तहत कार्यरत राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों के मंहगाई भत्ते अथवा महंगाई राहत की दर में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। अब ऐसे राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को गत एक जनवरी से 396 प्रतिशत से बढ़ाकर 412 प्रतिशत महंगाई भत्ता अथवा महंगाई राहत की दर का भुगतान होगा। गत जनवरी से मार्च तक की राशि संबंधित कर्मचारियों के सामान्य प्रावधायी निधि खाते में जमा की जायेगी जबकि पेंशनर्स को गत जनवरी से बढ़े हुए महंगाई भत्ते का नकद भुगतान होगा।
श्री गहलोत ने इसके लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से पांचवे वेतन आयोग के तहत कार्यरत कार्मिक और पेंशनर लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 10 राजकीय स्नातक महाविद्यालयों को स्नातकोत्तर में क्रमोन्नत कर नवीन विषय खोलने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की है। साथ ही इन नवीन विषयों के संचालन के लिए 26 नवीन पदों के सृजन को भी मंजूरी भी दी है।
प्रस्ताव के अनुसार राजकीय महाविद्यालय देशनोक बीकानेर, राजकीय महावद्यिालय खाजूवाला बीकानेर, वीर शिरोमणि राव देवराज राठौड़ राजकीय महाविद्यालय शेरगढ़ जोधपुर, राजकीय महाविद्यालय जमवारामगढ़ जयपुर, राजकीय महाविद्यालय सैंपऊ धौलपुर, राजकीय महाविद्यालय मांगरोल बारां, राजकीय महाविद्यालय उच्चैन भरतपुर, राजकीय महाविद्यालय मंगलाना नागौर, राजकीय महाविद्यालय मारवाड़ जंक्शन पाली तथा राजकीय कन्या महाविद्यालय पीपलू टोंक में स्नातकोत्तर स्तर के नवीन विषय खोले जाएंगे। इन विषयों के संचालन के लिए सहायक आचार्य के 20 तथा प्रयोगशाला सहायक व प्रयोगशाला वाहक के 3-3 पदों सहित 26 पदों का सृजन होगा।
मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र का विकास होगा। विद्यार्थियों को अपने पंसदीदा विषय का अध्ययन नजदीक ही करने के अवसर मिलेंगे। उल्लेखनीय है कि श्री गहलोत ने बजट 2023-24 के वित्त एवं विनियोग विधेयक चर्चा के दौरान इसके संबंध में घोषणा की थी।