राजस्थान

कोटा महोत्सव में हाड़ोती के सांस्कृतिक वैभव-परंपरा की झलक आएगी नजर

कोटा,11 जनवरी : राजस्थान में कोटा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन की दृष्टि से अपनी अलग पहचान दिलाने के प्रयासों के साथ कोटा
महोत्सव का इस बार तीन से पांच फरवरी तक पूरी धूमधाम से आयोजन किया जाएगा।

तीन दिवसीय महोत्सव के दौरान न केवल हाड़ोती अंचल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की भरपूर झलक पर्यटकों को दिखाई जाएगी बल्कि अजस्र जल स्रोत के रूप में उपलब्ध चम्बल नदी में वाटर स्पोर्ट्स जैसी गतिविधियां का आयोजन करके देशी-विदेशी पर्यटकों को लुभाया जाएगा।

नेचर-हेरिटेज वॉक भी इस महोत्सव के महत्वपूर्ण आकर्षण होंगे ताकि लोग ऐतिहासिक धरोहर से समृद्ध इस अंचल की विरासत के बारे में जान सकें। इन सभी कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
अपनी तरह का यह अनूठा आयोजन कोटा में पहली बार आयोजित किया जा रहा है जिससे यहां के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण-संवर्धन से जुड़े लोगों को भी जिला प्रशासन ने जोड़ने की कोशिश की है ताकि अधिक से अधिकतम नवीनता और नैसर्गिक जुड़ाव इस आयोजन में नजर आ सके।

कोटा में पहली बार बड़े स्तर पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आयोजित किए जा रहे कोटा महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा बैठक मंगलवार को जिला कलक्टर ओपी बुनकर की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई जिसमें 3 से 5 फरवरी तक तीन दिवसीय महोत्सव में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों को अन्तिम रूप दिया गया।

पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए किए जा रहे कोटा महोत्सव में 3 फरवरी को प्रातः 10 बजे बम ढोल रसिया कलाकारों के दल एवं चकरी व सहरिया नृत्य के कलाकारों की प्रस्तुति के साथ उद्घाटन होगा जिसमें पहली बार सैकड़ों कलाकार एकसाथ प्रस्तुति देकर रिकॉर्ड बनाएंगे। इसमें साफा बांध प्रतियोगिता, दादा-पोता दौड़, रस्सा-कस्सी, मटका दौड़, मूंछ प्रतियोगिता तथा एडवेंचर गतिविधियां महाराव उम्मेद सिंह स्टेडियम में आयोजित होंगी।

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