राजस्थान

मोदी की नीयत और नीति देश को तोड़ने वाली-रमेश

झालारापाटन (झालावाड़) 05 दिसंबर : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीयत और नीति देश को तोड़ने वाली बताते हुए कहा है कि देश आज ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां आर्थिक विषमता, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक तानाशाही जो देश के लिए खतरा है और ये प्रयास देश को तोड़ने वाले साबित हो सकते हैं।

श्री रमेश आज यहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा के झालरापाटन में दोपहर के विश्राम के समय आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि श्री राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मकसद चुनाव के लिए फायदा लेना नहीं हैं इसका केवल मकसद देश में बने माहौल के चलते जो खतरा नजर आ रहा है उससे मुकाबला करना हैं और इसके लिए यह यात्रा निकाली जा रही है।

उन्होंने कहा कि आज भारत ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां चिंताए और चुनौतियां है, अगर कांग्रेस यह यात्रा नहीं निकालती तो देश में आर्थिक विषमता, सामाजिक ध्रुवीकरण एवं राजनीति तानाशाही इतनी भयंकर फैल जाती कि इससे संवैधानिक लोकतंत्र खतरे में पड़ जाता। आलोचना होती है सवाल भी उठते रहेंगे, चुनाव होते रहते हैं लेकिन विचारधारा से कौन लड़ेगा। उन्होंने राजनीति में विचाराधारा चुनाव लड़ने के लिए मशीन बन जाने को गलत बताते हुए कहा कि विचारधारा से जंग कब शुरु होगी।

उन्होंने कहा कि हमने इस पर पहले जोर नहीं दिया था लेकिन अब भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से इस पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने भाजपा एवं कांग्रेस की विचारधारा में अंतर बताते हुए कहा कि आरएसएस की विचारधारा विभाजनकारी है और श्री मोदी का प्रचार एवं नारेबाजी में कोई मुकाबला नहीं हैं लेकिन हकीकत में जो आर्थिक, सामाज एवं राजनीति पर विभाजन करने के प्रयास देश के लिए खतरा है और यह देश को तोड़ने वाले प्रयास हैं।

उन्होंने कांग्रेस पर देश को तोड़ने के लगाये जा रहे आरोपों पर कहा कि हमारे ऊपर तोड़ने का जो आरोप लगाया जा रहा है वह गलत हैं, हम तो वर्ष 1971 में पाकिस्तान को तोड़ा हैं। उन्होंने कहा कि अगर अनेकता को दबायेंगे तो एकता खतरे में पड़ जायेगी।

श्री रमेश ने कहा कि राजनीति में विचाराधारा होती है और वर्तमान में देश में दो विचारधायें हैं एक आरएसएस-भाजपा की विचारधारा दूसरी कांग्रेस की विचारधारा। उन्होंने कहा कि विचारधारा की जंग पर कब विचार किया जायेगा, इसके मद्देनजर श्री राहुल गांधी यह यात्रा निकाल रहे हैं। उन्होंने यह यात्रा चुनाव जीतने के लिए नहीं हैं और नहीं चुनाव के नजरिए से निकाली जा रही है। इस यात्रा पर विचार कांग्रेस के उदयपुर सम्मेलन में शुरु हुआ था और यह विचार वहां से निकला था और इसका चुनाव से कोई लेना देना नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि शायद इसका बाद में फायदा हो सकता है। लेकिन वह नहीं मानते कि इसका कांग्रेस को चुनाव में बहुत ज्यादा फायदा होगा, फायदा तभी होगा जब संगठन के सक्रिय होकर इसके लिए गंभीरता से काम करना होगा।

उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा अभी तक सात राज्यों से गुजरी है और इससे संगठन में मजबूती आई है। यह चुनाव जीतों यात्रा नहीं है। आगामी 26 जनवरी को इस यात्रा का दूसरा चरण शुरु होगा और उस दिन हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाया जायेगा।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस मजबूत नहीं होती है तो विपक्ष की एकता संभव नहीं हैं। कांग्रेस के मजबूत होना और अपने बल पर खड़े होना, तभी तो विपक्ष आयेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शब्द पर हमें पेटेंट करवाना चाहिए था, यह गलती हमारी है। देश में कांग्रेस के नाम से आज कितनी कांग्रेस खड़ी हो गई है। पिछले सालों में अलग अलग पार्टियों ने कांग्रेस से बहुत कुछ लिया है, दिया कुछ नहीं हैं। कांग्रेस के नाम से कई पार्टियां बन गई हैं। नाम कांग्रेस के ले रखे और नुकसान कांग्रेस का ही हो रहा है।

इससे पहले उन्होंने बताया कि राजस्थान में यह यात्रा 500 किलोमीटर चलेगी और छह जिलों से होकर गुजरेगी। इस दौरान नौ एवं सत्रह दिसंबर को यात्रा का विश्राम रहेगा और श्री राहुल गांधी इस दौरान राजस्थान में ही रहेंगे। उन्होंने बताया कि 18 दिसंबर को अलवर के पास यात्रा की आठवीं प्रेस वार्ता होगी। उन्होंने कहा कि राहुल के साथ 120 भारत यात्री चल रहे थे और अब इनकी संख्या बढ़कर 135 हो गई जिनमें 30 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। इनमें दस यात्री राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हैं।

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