राजस्थान

बंटवारे की विभिषिका को झेलने वालों से ही उसकी मनोस्थिति पता चल सकती है : देवनानी

अजमेर 14 अगस्त : राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने 1947 में आजादी एवं विभाजन के संघर्ष और बलिदान को याद करते हुए कहा है कि उस समय बंटवारे की विभिषिका को झेलने वालों से ही उसकी मनो स्थिति पता चल सकती है।

अजमेर विधायक श्री देवनानी आज अपने निज निवास पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तब देश को खंडित आजादी प्राप्त हुई ये कहा जाए तो भी कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद धारा 370 खत्म हुई है तो कुछ आशा जगी है क्योंकि सिंधी समाज का दर्द यह है कि सिंध प्रांत आज भी पाकिस्तान में है। सिंधी और सिख समाज तब सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था।

उन्होंने कहा कि मेरे परिवार ने भी विभिषिका झेली है तब दस लाख लोग मारे गए थे और दस करोड़ लोग विस्थापित हुए। विभाजन के कष्ट को झेलना दुर्भाग्यपूर्ण एवं दर्दनाक मंजर के दृश्य को रेखांकित करता है लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी के कारण पूरा देश आजादी के बाद हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगामय हो रहा है।

श्री देवनानी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी विभिषिका की त्रासदी को समझे और महसूस करें इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने 14 अगस्त को विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस मनाने का फैसला किया ताकि युवा पीढ़ी देश के प्रति समर्पित हो।

श्री देवनानी ने आह्वान किया कि देश की एकता अखंडता को अक्षुण्ण रखते हुए सर्व समाज एवं युवा वर्ग भारत को विश्व के मानचित्र पर लाने के लिए भविष्य के नये संकल्प लें।

Related Articles

Back to top button