गृह विभाग की स्टॉल पर दिखाई गई राजस्थान पुलिस की विशिष्ट उपलब्धियां
जयपुर 18 दिसम्बर : राजस्थान सरकार के कार्यकाल के चार साल की उपलब्धियों पर आधारित जवाहर कला केंद्र में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में गृह विभाग के स्टॉल पर गृह विभाग से संबंधित व राजस्थान पुलिस की आठ विशेष योजनाओं और उपलब्धियों को दर्शाया गया है।
इस स्टॉल पर सुरक्षा सखी, ग्राम रक्षक एवं पुलिस मित्र योजना संबंधित पेम्पलेट्स और सुरक्षित यातायात सम्बन्धी प्रचार सामग्री का भी वितरण किया जा रहा है।
पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया कि प्रदर्शित पहले पोस्टर में निर्बाध पंजीकरण के बारे में जानकारी दी गई है। निर्बाध पंजीकरण से हर वर्ग की शिकायतों के समाधान की राह आसान हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में एक जनवरी 2019 से निर्बाध पंजीकरण की नीति लागू की। थाने पर एफआईआर दर्ज न होने पर एसपी ऑफिस में पंजीकरण की व्यवस्था की गई। प्रदर्शित दूसरे पोस्टर में पब्लिक फ्रेंडली थाने के बारे में बताया गया है। प्रदेश के सभी थानों में स्वागत कक्ष बनाने के निर्णय पर वर्तमान में 839 स्वागत कक्ष बनकर तैयार हो चुके है। एक अभिनव प्रयास के तहत थानाधिकारियों सहित समस्त पुलिस अधिकारी दोपहर बारह से डेढ़ बजे तक अपने कार्यालय में परिवादियों की सुनवाई करने की भी जानकारी दी गई।
प्रदर्शित तीसरा पोस्टर सुरक्षा सखी एवं आत्मरक्षा प्रशिक्षण से सम्बंधित है। इसमें बताया गया है कि महिलाओं व बच्चियों की सुरक्षा के लिए गत वर्ष 26 मार्च से सुरक्षा सखी योजना प्रारंभ की गई है। जिला व थाना स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त कर अब तक 17,714 सुरक्षा सखियों का चयन किया गया है। सभी जिलों में जनवरी 2020 से महिला शक्ति आत्मरक्षा केन्द्र शुरू कर आठ लाख 88 हजार महिलाओं एवं बच्चियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
प्रदर्शित चौथे पोस्टर में पुलिस मित्र एवं ग्राम रक्षक योजना का उल्लेख है। आमजन व पुलिस के बीच सकारात्मक वातावरण बनाने के उद्देश्य से शुरू की पुलिस मित्र योजना में 37,194 पुलिस मित्र पुलिस का विभिन्न स्तरों पर सहयोग कर रहे हैं। गांवों में शांति – सुरक्षा व्यवस्था में कुल 34,780 ग्राम रक्षक सूचीबद्ध किए जा चुके हैं।
प्रदर्शित पांचवें पोस्टर में रफ्तार पर पैनी नजर रखने पुलिस बेड़े को मिली 25 नई इंटरसेप्टर गाड़ियों की खुबिया दर्शाई गई है। डिजिटल जीपीएस, वाईफाई, इंटरनेट, हाई डेफिनेशन कैमरे, स्पीड लेजर गन तकनीक से लैस इन इंटरसेप्टर गाड़ियों में ब्रीथ एल्कोहल एनालाइजर, टिंट मीटर, एलईडी साइनेज, एलईडी लाइटबार भी मौजूद है। ऑनलाइन ई-चालान जारी करने में सक्षम इंटरसेप्टर में लेजर ट्रैक गति कैमरा के अतिरिक्त 360 डिग्री का कैमरा रिकॉर्डर भी उपलब्ध है।
प्रदर्शित छठा पोस्टर में गंभीर अपराधों की रोकथाम के बारे में है। महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध गंभीर अपराधों को रोकने के लिये समस्त जिलों में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट फॉर क्राइम्स अगेंस्ट वूमेन का गठन एवं जघन्य अपराधों की जांच के लिए हीनियस क्राइम्स मॉनिटरिंग यूनिट की स्थापना की गई। प्रदर्शित सातवें पोस्टर में राजकॉप सिटीजन ऐप एवं व्हाट्सएप हेल्पलाइन के बारे में बताया गया है। इस एप के माध्यम से परिवाद दर्ज कराने की सुविधा भी उपलब्ध है। सभी जिलों में 17 दिसंबर 2019 से व्हाट्सएप हेल्पलाइन की सुविधा प्रारंभ की गई है। प्राप्त प्रकरणों में से 98.70 प्रतिशत प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है।
प्रदर्शित आठवें पोस्टर में बच्चों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम से संबंधित जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया कि पॉक्सो एक्ट प्रकरणों में त्वरित कार्रवाई की जाती है। निस्तारण में लगने वाला औसत समय वर्ष 2019 में 137 दिन था जो वर्ष 2022 में घटकर 65 दिन रह गया। पॉक्सो एक्ट में वर्ष 2019 से गत अक्टूबर तक कुल 12 प्रकरणों में अभियुक्तों को फांसी की सजा, 207 प्रकरणों में आजीवन कारावास एवं 980 प्रकरणों में अन्य सजा हुई।