कोटा की सड़कों पर विचरते आवारा मवेशी साबित हो रहे जानलेवा
कोटा ,22 दिसम्बर : राजस्थान के कोटा में इस हफ़्ते के पहले दो दिनों में ही आवारा मवेशियों के कारण हुई दो मौतों के मामले को लेकर एक बार फिर से शहर के आबादी क्षेत्र में आवारा मवेशियों के विचरण और उनके कारण होने वाले हादसों का मामला तूल पकड़ने लगा है।
हालांकि स्वायत्तशासी निकाय आवारा मवेशियों की धरपकड़ कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
नगर निगम (दक्षिण) के कैथूनीपोल क्षैत्र के उस वार्ड में एक सांड ने रविवार को प्रातःकाल भ्रमण के लिए निकले एक बुजुर्ग महेश चंद्र को हमला कर इतनी बुरी तरह से घायल किया कि थोड़ी देर बाद ही एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। यह मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि मंगलवार को झालावाड़ से कोटा अपने बीमार पिता को देखने आई एक विवाहिता नसरीन की उस समय मौत हो गई,जब वह अपने भाई के साथ बाइक पर जा रही थी तो एक स्वान अचानक सामने आ गया जिसे बचाने की कोशिश में बाइक गिर गई और विवाहिता गंभीर रूप से घायल हो गई जिसकी इलाज के दौरान एक निजी अस्पताल में मृत्यु हो गई।
शहर में ऐसे हादसे लगातार होते रहे हैं लेकिन इसके बावजूद दोनों नगर निगम की ओर से लंबा-चौड़ा लवाजमा होने के उपरांत भी योजनाबद्ध तरीके से शहर की सड़कों पर विचरने वाले मवेशियों और स्वानों की धरपकड़ के लिए नियमित रूप से कोई कार्यवाही नहीं की जाती।
इस बारे में कोटा नगर निगम दक्षिण की गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने बताया कि दोनों नगर निगम क्षेत्रों में आवारा मवेशियों की व्यापक धरपकड़ कर रहे हैं और प्रतिदिन 40 से 50 की संख्या में मवेशियों को किशोरपुरा स्थित कायन हाउस लाया भी जा रहा है लेकिन धरपकड़ के बादपशुओं के रखने की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है, जगह की बहुत कमी है। बंधा धर्मपुरा स्थित गौशाला के पास पांच बीघा खाली जमीन पड़ी है जिसका उपयोग ऐसे मवेशियों को रखने के लिए किया जा सकता है लेकिन वित्तीय प्रावधान नही किए जाने के कारण वहां चारदीवारी अभी तक नहीं बन पाई है जबकि इस बारे में वे कई बार निगम प्रशासन को लिखित में दे चुके हैं।