चार दिवसीय एसिकॉन के 51वीं वार्षिक कांफ्रेंस की हुई शुरुआत
जयपुर 21 दिसंबर : एंडोक्राइन सोसाइटी ऑफ इंडिया (एसिकॉन-2022) के 51वीं वार्षिक कांफ्रेंस की आज यहां शुरुआत हुई।
हालांकि राजधानी जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में चार दिवसीय 24 दिसंबर तक चलने वाली इस कांफ्रेंस का औपचारिक उद्घाटन गुरुवार को राज्यपाल कलराज मिश्र करेंगे।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. संजय सारण ने बताया कि एसिकॉन 2022 के साइंटिफिक कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में डॉ. प्रकाश केसवानी ,डॉ. सैलेश लोढ़ा डॉ. सुधीर भंडारी, डॉ. बलराम शर्मा, डॉ. प्रेम प्रकाश पाटीदार, डॉ. राजीव कासलीवाल, डॉ. मनोज खंडेलवाल, डॉ. अजय शाह मौजूद रहे। कांफ्रेंस में देश विदेश के करीब दो हजार चिकित्सक एक छत के नीचे जमा हुए जहां वह हार्मोंस से जुड़ी बीमारियों पर चर्चा के साथ ही इनसे बचाव एवं उपचार पर विचार साझा करेंगे। कांफ्रेंस के पहले दिन कई बिन्दुओं पर चर्चा और वर्कशॉप भी आयोजित की गई।
डॉ. लोढा ने डायबिटीज और डॉ. केसवानी ने थायराइड जैसी बीमारी पर रोशनी डालते हुये बताया कि जहां इन बीमारियों के जड़ से मिटने पर चर्चा की गई और कहा गया कि डायबिटीज और थायराइड जैसी बीमारियों को लेकर लोगों में बहुत भ्रांतियां फैली हैं, जिन्हें दूर करने की जरूरत है। डायबिटीज के उपचार के साथ जागरूकता बहुत जरूरी है, इसके लिए अपने लाइफ स्टाइल के साथ एक्सरसाइज और खानपान को लेकर जागरुकता जरूरी है। डॉ केसवानी ने बताया कि थायराइड के दो प्रकार हाइपो थैरिडिज्म और हाईपर थैरिडिज्म होते हैं, दोनों ही टाइप की समय रहते जांच करा लेना चाहिए ताकि बीमारी से बचा जा सके। इस बीमारी को जड़ से कैसे मिटाया जा सके इस पर भी चर्चा हुई।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से आए इंडोक्रेनोलोजिस्ट और इन्सुलिन पंप थेरेपी स्पेशलिस्ट डॉ तरुण मिश्रा ने एक वर्कशॉप में देश और विदेश से आए चिकित्सकों को संबोधित करते हुए इन्सुलिन पंप थेरेपी का लाइव डेमो दिया ताकि वह मरीजों तक इसके फायदे पहुंचाने का काम कर सकें। इन्सुलिन पंप एक डिवाइस है जो आर्टिफिशियल पैंक्रियाज की तरह काम करता है। यह डिवाइस शुगर पीड़ितों के लिए बहुत अच्छा विकल्प है, जो मरीज को डायबिटीज फ्री होना सुनिश्चित कर सकता है।