राजस्थान

फूल मोहम्मद हत्याकांड में तीस आरोपियों को माना दोषी

भरतपुर 16 नवंबर : राजस्थान में भरतपुर संभाग के सवाईमाधोपुर में बहुचर्चित थानाधिकारी फूल मोहम्मद
हत्याकांड मामले में अदालत ने ग्यारह साल बाद तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेन्द्र सिंह समेत 30 आरोपियों को
दोषी माना है जबकि 49 लोगों को दोषमुक्त कर दिया है।

सवाईमाधोपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एससी/एसटी ने आज यह फैसला सुनाया। अदालत शुक्रवार को दोषियों को सजा सुनाएगी। गौरतलब है कि 17 मार्च 2011 को सवाईमाधोपुर के मानटाउन थाना क्षेत्र के सूरवाल गांव में लोग दाखा देवी के हत्यारों को गिरफ्तार करने और उनके परिजनों को मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान राजेश मीणा एवं बनवारी लाल मीणा पेट्रोल से भरी बोतलें लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए और आत्महत्या की धमकी दी। बनवारी को लोगों ने समझाकर टंकी से नीचे उतार लिया लेकिन राजेश मीणा ने खुद पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा ली और टंकी से नीचे कूद गया। इस घटना के बाद गुस्साए लोगों ने सूरवाल गांव में तैनात मानटाउन थानाधिकारी फूल मोहम्मद एवं पुलिस जवानों पर पथराव करना शुरू कर दिया।

इससे घबराए पुलिसकर्मी वहां से भाग निकले। जान बचाने के लिए थानाधिकारी फूल मोहम्मद जीप चलाकर भागने लगे लेकिन भीड़ ने उन्हें घेर लिया और जीप को आग लगा दी जिसमें फूल मोहम्मद की जलने से मौत हो गई थी। घटना के बाद राजस्थान सरकार ने थानाधिकारी फूल मोहम्मद को शहीद का दर्जा दिया था। इस हत्याकांड मामले में राजस्थान सरकार ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की घोषणा की थी। सीबीआई ने मामले में 89 लोगों को आरोपी बनाया जिनमें से तीन अब भी फरार हैं। पांच की मौत हो चुकी है, इनमें दो बाल अपचारी थे।

इस मामले में सीबीआई ने दो बाल अपचारी सहित 89 लोगों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया था। ग्यारह साल से ज्यादा समय अदालत में सुनवाई चली।

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