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पच्चीस फीसदी कोविड पीड़ित जूझ रहे हैं आज भी मानसिक परेशानी से : डब्ल्यूएचपी

नयी दिल्ली, 02 दिसंबर : प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स (डब्ल्यूएचपी) की एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी का असर कम होने के बावजूद 25 प्रतिशत कोविड पीड़ित आज भी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी तकलीफों से जूझ रहे हैं।

डब्ल्यूएचपी की कंट्री डायरेक्टर प्राची शुक्ला ने शुक्रवार को यहां एक संगोष्ठी में कहा कि उनके संगठन के एक प्रोजेक्ट की अवधि के दौरान इसके टेलीहेल्थ प्लेटफॉर्म को 70 हजार से अधिक काॅल प्राप्त हुईं। इस हेल्पलाइन के आंकड़ों के अनुसार 25 प्रतिशत कोविड-19 रोगी आज भी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी तकलीफों से जूझ रहे हैं। यह प्रोजेक्ट जून 2021 से नवंबर 2022 तक तीन राज्यों के 26 जिलों में लागू किया गया।

उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट ने किफायती और सामयिक मानसिक स्वास्थ्य पर देखभाल की आवश्यकता तथा कोविड-19 महामारी के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव को उजागर किया है। मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों में वृद्धि ने कम लागत वाली डिजिटल तकनीकों को लागू करने के दरवाजे खोल दिये हैं। ये तकनीक मजबूत स्वास्थ्य सुविधाओं के निर्माण में सरकार के प्रयासों का समर्थन करने में सहायक है।

इस संगोष्ठी में दिल्ली, गुजरात और झारखंड में मानसिक स्वास्थ्य और लिंग आधारित हिंसा पर अपने 18 महीने के लंबी प्रोजेक्ट के दौरान हासिल की गयीं महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गयीं। प्रोजेक्ट को यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के सहयोग से पूरा किया गया। इसे केन्द्रीय मनोचिकित्सा संस्थान, रांची न्यूरोसाइकियाट्री और संबद्ध विज्ञान संस्थान जैसे प्रमुख संस्थानों से तकनीकी सहायता उपलब्ध करायी गयी।

सुश्री शुक्ला ने कहा कि उनके संगठन ने ग्रामीण क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे लोगों की काउंसिलिग की भी बेहतर व्यवस्था की है। पीड़ितों को परामर्श के जरिए हरसंभव मदद की जाती है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी से की समस्या से जूझ रहे युवाओं को यदि कोई आवश्यकता होती है तो उनके लिए भी काउंसिलिंग की तत्काल व्यवस्था की जाती है।

संगोष्ठी में मानसिक स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने कोविड और सेहत संबंधी अन्य समस्याओं पर अपने विचार रखे।

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