उत्तर प्रदेश

बुंदेलखंड के कृषि उत्पादों की आयुक्त कार्यालय में बनेगी वाटिका

झांसी, 26 जुलाई :उत्तर प्रदेश में झांसी के मंडल आयुक्त डा. अजय शंकर पाण्डेय ने बुंदेलखंड के विशिष्ट कृषि उत्पादों की एक ‘मॉडल उद्यान वाटिका’ आयुक्त कार्यालय एवं आवास में बनाने की अनूठी पहल की है।

डा पाण्डेय ने मंडल प्रशासन द्वारा गठित ‘बुंदेलखंड विशिष्ट कृषि उत्पाद संरक्षण समिति’ के प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को हुयी बैठक में इस पहल का आगाज किया। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में आसानी से उपजाये जा सकने वाले खट्टे फल (संतरा, नीबू, कीनू, मौसम्मी एवं बेर आदि), औषधीय पौधे (तुलसी, लेमन ग्रास, ऐलोवरा, अश्वगंधा आदि) और मसालों में हल्दी, धनिया एवं मिर्च आदि के पेड़ पौधों की विशिष्ट वाटिका आयुक्त आवास एवं कार्यालय में बनायी जायेगी। बैठक में मौजूद झांसी मंडल के उप निदेशक (उद्यान) विनय यादव ने डा पाण्डेय के निर्देश का तत्काल अनुपालन करते हुए इस दिशा में कार्ययोजना बनाकर वाटिका बनाने का काम भी शुरु कर दिया। डा पाण्डेय ने कहा कि वह अगले एक दो दिनों में उद्यान वाटिका में बीज एवं पौधारोपण करेंगे।

डा पाण्डेय ने कहा कि इस समिति ने राज्य सरकार की बेहद लोकप्रिय ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना में झांसी जिले के कठिया गेंहू के दलिया से आगे जाकर पिछले एक साल में तुलसी सहित अन्य औषधीय पौधों की खेती के दायरे को चार गुना अधिक विस्तार दिया है। साथ ही इलाके के युवाओं ने स्ट्रॉबेरी की खेती, बेर के प्रसंस्कृत उत्पादों का कारोबार बढ़ाने और मसालों में हल्दी, धनिया आदि की बेहतरीन पैकेजिंग कर विशिष्ट कृषि उत्पादों की मार्केटिंग के नये रास्ते खोले हैं।

उन्होंने बैठक में बुंदेलखंड के इन विशिष्ट उत्पादों की पैकेजिंग के नमूने देख कर इनका उत्पादन कर रहे किसानों को बुंदेलचांड से बाहर अन्य क्षेत्रों के लिये भी प्रेरणादायी बताया। गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में डा पाण्डेय की पहल पर ही उद्यान विभाग के मातहत इस समिति का गठन किया गया था। इस समिति द्वारा झांसी जिले में शुरु किया गया तुलसी की खेती का प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश शासन ने भी पड़ोसी जिले निवाड़ी एवं शिवपुरी में शुरु करवाया है।

समिति में झांसी स्थित केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञाें के अलावा औषधीय पाैधों की खेती के विशेषज्ञ तथा बीते दो सालों में खेती की ओर रुख करने वाले पत्रकार एवं फैशन डिजायनर सहित अन्य प्रगतिशील किसानों को शामिल किया गया है। समिति की ओर से बुंदेलखंड क्षेत्र में कृषि के अभिनव प्रयोग करने के लिये प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहित कर हरसंभव तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।

समिति के सचिव पुष्पेन्द्र यादव की अगुवाई में विशाल भूभाग पर औषधीय खेती कर रहे किसानों एवं अन्य प्रगतिशील किसानों ने बैठक में डा पाण्डेय को अपने विशिष्ट कृषि उत्पादों के नमूने भेंट कर बीते एक साल के कामकाज का अनुभव साझा किया।

गौरतलब है कि झांसी मंडल के आयुक्त के रूप में डा पाण्डेय का कार्यकाल आगामी 31 जुलाई को पूरा हो रहा है। उन्होंने समिति के गठन की सार्थकता को साबित करने के लिये समिति के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इसे एक उपलब्धि बताते हुए कहा कि समिति ने बुंदेलखंड में एक नयी कृषि क्रांति का आगाज किया है, यह एक मिशन है और एक साल पहले शुरु हुआ यह अभियान निश्चित रूप से अपनी मंजिल तक पहुंचेगा। डा पाण्डेय ने कहा कि समिति के कामों की झलक हमेशा आयुक्त कार्यालय एवं आवास में दिखती रहे, इसलिये इसका एक एक माॅडल विकसित करने के लिये ही विशिष्ट कृषि उत्पादों की उद्यान वाटिका बनायी जायेगी।

बैठक में समिति के अध्यक्ष डा सत्यवीर सिंह सोलंकी, संयुक्त विकास आयुक्त मिथलेश सचान, अपर आयुक्त (प्रशासन) सर्वेक्ष कुमार दीक्षित और मंडलीय परियोजना प्रबंधक (शिक्षा) आनंद चौबे के अलावा अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और प्रगतिशील किसान माैजूद थे। इनमें ललितपुर के किसानों ने सब्जी मसालों के उत्पादों, जालौन के किसानों ने अपने बाग में उपजाये केला, पीपता और मौसम्मी तथा झांसी के किसानों ने दलिया, हल्दी और तुलसी की चाय सहित अन्य विशिष्ट कृषि उत्पाद, मंडल आयुक्त को भेंट स्वरूप प्रदान किये।

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