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भारत-अमेरिका के सपने और दृष्टि एक हैंः गार्सेटी

नयी दिल्ली 28 जून : भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि दोनों देशों में अनेक समानताएं हैं और दोनों देशों के सपने एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

श्री गार्सेटी ने बुधवार को यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और कहा कि दोनों देशों में साधारण शुरुआत को असाधारण उपलब्धियों में बदलने वाले हस्तियों की अविश्वसनीय कहानियां सुनने को मिलती हैं। उन्होंने कहा कि चाय बेचने वाला एक लड़का देश का प्रधानमंत्री बना और आज वह भारत का वैश्विक मंच पर नेतृत्व कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की जीवन यात्रा कड़ी मेहनत, लगन, समर्पण का प्रतीक है।

इस दौरान अमेरिकी राजदूत ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी उल्लेख किया और कहा कि इस देश ने एक संथाली शिक्षक की असाधारण उपलब्धियों को भी स्वीकार किया, जो सभी बाधाओं के बावजूद भारत की राष्ट्रपति बनी हैं। उन्होंने कहा, “यह प्रेरक कहानी शिक्षा की शक्ति और बाधाओं को तोड़ने और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के व्यक्तियों के उत्थान की क्षमता का प्रतीक है। इसके साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।”

उन्होंने ‘शांति, समृद्धि, ग्रह और जनताः भारत और अमेरिका के संबंधों के लिए नया अध्याय’ नाम से आयोजित इस कार्यक्रम व्यापार, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि दोनों देश एक साथ काम करके अपने नागरिकों के लिए अनंत संभावनाओं के द्वार खोल सकते हैं और वैश्विक प्रगति में योगदान दे सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि श्री गार्सेटी को भारत में अमेरिका के राजदूत बनाने को लेकर अमेरिका और भारत दोनों ही बेहद उत्साहित थे। श्री गार्सेटी का दृष्टिकोण भारत के लोगों से मेल खाता है, जो इसे गहरे सांस्कृतिक आदान-प्रदान, आर्थिक विकास और आपसी समझ के अवसर के रूप में देखते हैं।

अमेरिकी राजदूत गार्सेटी ने अमेरिका-भारत संबंधों पर कहा, “भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में अमेरिका के साथ अधिक सैन्य अभ्यास करता है… अब समय आ गया है कि हम अपने दृष्टिकोण को फिर से आकार दें और इसे फिर इसे बनाएं (रीसेट) करें। वास्तविक तौर पर जब हम शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करते हैं। तभी दोनों (अमेरिका और भारत) देशों के बीच संबंध बेहतर बनते हैं।”

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