भारत जोड़ो यात्रा: राहुल गांधी की यात्रा अब सहारनपुर से होकर नहीं गुजरेगी
सहारनपुर, 16 दिसम्बर : कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा शुक्रवार को सहारनपुर नगर में न तो जनसमर्थन जुटा पाई और न ही पूर्व निर्धारित मार्ग से होकर मंजिल तक पहुंच पाई।
कांग्रेस नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने सहारनपुर जिले में कमजोर कांग्रेस संगठन को देखते हुए एलान किया कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अब सहारनपुर से होकर नहीं गुजरेगी। श्री खुर्शीद अचानक सहारनपुर पहुंचे और उन्होंने यहां की स्थिति का जायजा लेकर एलान कर दिया कि श्री गांधी की यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अब गाजियाबाद, बागपत और शामली से होकर हरियाणा के लिए निकल जाएगी। इससे सहारनपुर जनपद के लोगों की श्री गांधी की यात्रा में शामिल होने की इच्छा धरी की धरी रह गई।
आज पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दिकी के नेतृत्व में नगर के खेमका सदन से दोपहर शुरू हुई कांग्रेसियों की पदयात्रा भी समर्थन नहीं जुटा पाई। यात्रा को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार तीन विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरना था और पच्चीस किलोमीटर की दूरी तय कर नांगल में यह यात्रा समाप्त होनी थी।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष चौधरी मुजफ्फर अली तोमर ने बताया कि जिला प्रशासन ने कांग्रेस की पदयात्रा को निकालने की अनुमति देर रात तक भी नहीं दी थी। जिला प्रशासन ने सुबह 10-11 बजे अनुमति तो दी, लेकिन यात्रा का मार्ग बहुत छोटा कर नगर के विश्वकर्मा चौक तक ही जाने की अनुमति दी।
दरअसल जिले के दिग्गज मुस्लिम नेता इमरान मसूद के कांग्रेस छोड़ जाने के बाद इस जिले में कांग्रेस की हालत दयनीय हो गई है। पार्टी आलाकमान ने इस मुस्लिम बहुल इलाके में कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी पूर्व बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दिकी को दी है। वह एक दिन पहले ही सहारनपुर आ गए थे, लेकिन न तो वे पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भर पाए और न ही लोगों का समर्थन ही जुटा पाए। शायद इसी वजह से श्री गांधी ने सहारनपुर से किनारा कर गए।
आज की पदयात्रा में कांग्रेस के प्रदेश सचिव प्रवीण चौधरी, प्रदेश महासचिव संजीव शर्मा, सचिव गौरव भाटी, पूर्व मंत्री सतीश शर्मा, गणेश दत्त शर्मा, नगर अध्यक्ष वरूण शर्मा, उमा भूषण, धर्मवीर जैन, रामनरेश शर्मा समेत कुछ सौ लोग ही यात्रा में जुट पाए। यात्रा की समाप्ति पर श्री सिद्दिकी ने कहा कि श्री गांधी की भारत जोड़ों यात्रा का उद्देश्य में लोगों में आपसी भाईचारा, प्रेम, सद्भाव आदि स्थापित करना हैं।
अन्य वक्ताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार देश के संवैधानिक ढांचे को नुकसान पहुंचाने में लगी हुई है। लोकतंत्र, बोलने और लिखने की स्वतंत्रता सीमित की जा रही है। महंगाई और बेरोजगारी से लोग और युवा त्रस्त हैं।