चीनी मिल और किसान, दोनों की आय बढ़ाने का उप्रक्रम कर रही है सरकार : चौधरी
मथुरा, 20 अक्टूबर : उत्तर प्रदेश के चीनी मिल एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने चीनी मिलों को अत्याधुनिक तकनीकि से लैस कर न सिर्फ मिल मालिकों, बल्कि गन्ना किसानों की भी आय बढ़ाने का उपक्रम किया है। इस तहत दोहरे लाभ के लिए नई चीनी मिलों के साथ डिस्टिलरी भी लगाई जा रही हैं।
चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। एक साल में अब तक पांच चीनी मिलों को डिस्टिलरी से लैस कर दिया गया है। अब ज्यादा से ज्यादा चीनी मिलें एथेनॉल की डिस्टलरी लगा रही हैं। जिससे कीमत अच्छी मिले और किसान को भी लाभ हो।
चौधरी ने कहा कि गन्ना विभाग किसान की आय दोगुनी करने के लिए प्रयासरत है। गन्ने के उत्पादन और क्षेत्रफल में वृद्धि इसका प्रमाण है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में सुपरफाइन चीनी मिलें तैयार हो रही हैं। इन मिलों में बनी चीनी का निर्यात किया जायेगा। इस प्रकार की बड़ी चीनी मिलों में उत्पादन किया जा रहा है।
छाता चीनी मिल को चालू करने में हो रहे विलंब के सवाल पर उन्होंने कहा कि छाता चीनी मिल में शुगर प्लांट के साथ ऐसे प्लांट लगाने का प्रयास हो रहा है, जिससे भविष्य में घाटे की कोई आशंका न रहे। इसलिए उसके साथ साथ डिस्टिलरी भी लगाना चाहते हैं और एथेनाल भी बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया लंबी है। किसी भी चीनी मिल को चालू करने में दो साल लगते हैं।
उन्होंने बताया कि अब क्षेत्र में गन्ने की उपज के लिए न केवल प्रचार प्रसार किया जाएगा, बल्कि जब तक यह मिल चालू नहीं हो जाती है, तब तक गन्ना क्रय केन्द्र खोलकर किसान के गन्ने को चीनी मिलों में भेजा जाएगा। उनका कहना था कि किसी भी क्षेत्र में गन्ने का पूरी तरह से उत्पादन करने में पूरे चार साल लगते हैं। शुरू में जो गन्ना पैदा होगा उससे बीज बनेगा तथा बाद में पेड़ी बनेगी, तभी गन्ने का उत्पादन पूरी तरह से शुरू होगा।