गोविंदाचार्य की ‘गंगा संवाद यात्रा’ ने की 62 किलोमीटर की पदयात्रा
बुलंदशहर 16 अक्टूबर : गंगा की निर्मलता व निरंतरता पर जनजागरण करने तथा समाज के सहभाग व सरकारों को जिम्मेदारी समझने के निमित्त राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के तत्वावधान में आयोजित सुप्रसिद्ध विचारक के एन गोविंदाचार्य की गंगा संवाद यात्रा ने छह दिनों में 62 किलोमीटर की दूरी तय की है।
यह यात्रा 11 अक्टूबर को उत्तरप्रदेश में बुलन्दशहर जिले के नरौरा से आरंभ हुयी थी और अब तक 62 किलोमीटर की पदयात्रा पूर्ण कर ली है। उत्तरप्रदेश के जिलों बुलंदशहर, संभल व बदायूं में पहयात्रा गाँव विचपूरी सैलाब, गाँव रसलपुर, गुनौर, गाँव सैजना मुस्लिम, गाँव धनपुरी, गाँव दुबारी कलां, गाँव मीरपुर, गाँव वेरपुर मेहरानी, गाँव फतेहपुर, गाँव नगरीया, गाँव कदरावाद, गाँव गणेशपुर, ज़रीफ़ नगर, रसूलपुर, रामबीर नगर, गाँव उस्मानपुर, गाँव दहगवां, गाँव बागवाला आदि में जा चुकी है।
राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय सह-संयोजक जगदीश ममगांई ने बताया कि गाँवों में गंगा संवाद यात्रा के प्रति खासा उत्साह नज़र आता है। प्रेमपाल सिंह इण्टर कालेज सैजना मुस्लिम, गंगा देवी कॉन्वेंट स्कूल, अशर्फी लाल लक्ष्मी नारायण इण्टर कालेज दहगंवा के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने गंगा की स्वच्छता पर सरकारों की विफलता पर सवाल उठाए, 79 वर्षीय गोविंदाचार्य ने उनकी जिज्ञासा के उत्तर दिए व गंगा के संरक्षण में समाज व उनकी महत्ती भूमिका को रेखांकित किया और बताया कि कैसे बच्चे समाज को जागृत कर गंगा को बचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। महिलाओं व छात्रों के सहभाग एवं गंगा संरक्षण के प्रति उनकी उत्सुकता, इस यात्रा के लक्ष्य की ओर अग्रसर होने का द्योतक है। सभी जाति व संप्रदाय के लोगों के गंगा संवाद यात्रा में शामिल होने व गंगा में बढ़ रहे प्रदूषण के प्रति चिंतित होने से स्पष्ट है कि आमजन गंगा की निर्मलता के प्रति सजग हैं, कई ग्रामवासी व पंचायतें गंगा की सफाई के लिए पहले भी अभियान चला चुके हैं।
उन्होंने कहा कि यह यात्रा संवाद के साथ संबंध यात्रा भी है। गंगा की हिफाजत करना सब का दायित्व है, यात्रा के माध्यम से हम जन-जागरण कर रहे हैं ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ एवं सुरक्षित रहे इसलिए कोशिश कर रहे हैं कि गंगा प्रदूषण मुक्त हो, अविरल व निर्मल बहे। सरकारों ने अब तक गंगा की सफाई पर आम जनता के हजारों करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं, इसके बावजूद अनेक स्थानों पर नालों से बिना शोधित हुए गंदा पानी गंगा में पहुंच रहा है। स्वस्थ व स्वच्छ गंगा के लिए सरकार अपना काम करे व समाज अपनी जिम्मेदारी समझे, हम सरकार की बात सरकार से व समाज की बात समाज से करने में विश्वास रखते हैं। यह यात्रा समाज की भूमिका व सक्रिय सहभाग के लिए प्रोत्साहित करने के निमित्त भी है। आज 5 दिन की पदयात्रा की समीक्षा की गई और आगामी दिनों के कार्यकर्म की रुपरेखा निर्धारित की गई। 51 दिवसीय लगभग 500 किलोमीटर की पदयात्रा 30 नवम्बर 2022 को कानपुर के पास बिठुर में समाप्त होगी।