निकाय चुनाव का प्रचार करने में कोई गुरेज नहीं: योगी
संतकबीर नगर/आजमगढ़/मऊ/बलिया, 03 मई : उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के दूसरे चरण के लिये प्रचार की शुरूआत करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को संतकबीर नगर, आजमगढ़, मऊ और बलिया में जनसभा कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशियों को जिताने की अपील की और कहा कि जनता के हित के लिये जरूरी निकाय चुनाव का प्रचार करने में उन्हे कोई गुरेज नहीं है।
संतकबीर नगर में उन्होने कहा कि मध्य काल के महान संत कबीर के आगमन के पूर्व मगहर के बारे में माना जाता था कि यह ऊसर भूमि है। मगहर में मृत्यु का मतलब सीधे नरक की बात होती थी, लेकिन संत कबीर ने उस धारणा को बदला। मगहर में उनकी महापरिनिर्वाण स्थली है। डबल इंजन सरकार ने संत कबीर अकादमी बनाकर उनके मूल्यों, आदर्शों व समाज में समता-समरसता के मूल्यों की स्थापना व शोध को बढ़ावा देने को प्रोत्साहित किया है। जो मगहर मध्यकाल में नरक का प्रतीक माना जाता था। डबल इंजन की सरकार में वह स्वर्ग सा प्रतीत हो रहा है। छह वर्ष में प्रदेश में हुए परिवर्तन इन बातों की तरफ ध्यान आकर्षित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संतकबीर नगर से बहने वाली आमी छह साल पहले तक प्रदूषित थी। पालतू पशु उसके जल को ग्रहण कर ले तो मर जाता था। आज मगहर में आमी नदी स्वच्छ, निर्मल, अविरल है। आपके बगल में मुंडेरवा चीनी मिल बंद हो गई थी। पिछली सरकारों ने किसानों पर गोली चलवाई। हमारी सरकार ने न सिर्फ चीनी मिल स्वीकृत की, बल्कि वहां की मिल पेराई भी कर रही है। यहां के किसानों के लिए यह सम्मान का माध्यम बना। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लिंक एक्सप्रेसवे संतकबीर नगर होते हुए गोरखपुर जा रहा है। यहां औद्योगिक गलियारा बनेगा, उद्योग लगेगा तो नौजवानों को रोजगार मिलेगा।
श्री योगी ने कहा “लोगों को लगेगा कि नगर निकाय चुनाव में सीएम स्वयं प्रचार करने आ रहे हैं। हां, मैं आ रहा हूं क्योंकि दिल्ली व लखनऊ से जो पैसे भेज जाएंगे। उसका सही इस्तेमाल जनता के हित में हो। ”
आजमगढ़ में मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के अंदर आजगमढ़ को कभी उसके ओज और तेज के जाना जाता था। मगर 2017 के पहले जिनके पास सत्ता की बागडोर थी, उन लोगों ने इसका केवल दोहन करने का काम किया। हमारे युवाओं के हाथों में कलम के स्थान पर कुछ लोगों ने कट्टा देने का काम किया। आज समय बदल चुका है और हम युवाओं को कट्टे से कलम की ओर ले जा रहे हैं। हम अपने युवाओं को तमंचे नहीं, टैबलेट दे रहे हैं। उन्हें तकनीकी से जोड़कर स्किल्ड बना रहे हैं।