पटना, 10 जुलाई : सावन की पहली सोमवारी को लेकर बिहार में शिवभक्तों में उत्साह और ऊर्जा का संचार नजर आ रहा है।
मंगलवार चार जुलाई से शिव के अति प्रिय मास श्रावण आरंभ हो गया है। श्रद्धालु भोले की भक्ति में सराबोर हैं। मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है। घर एवं मंदिरों में प्रातः काल से ही भक्त अपने आराध्य महादेव की भक्ति, पूजा-आराधना के साथ ॐ नमः शिवाय, हर हर महादेव, बोलबम के जयकारे लगा रहे हैं। सावन के पहले दिन से ही शिव भक्तों द्वारा भगवान भोलेनाथ को गंगाजल, दूध, दही आदि से स्नान कराकर पुष्प और बेलपत्र अर्पण किया जा रहा है। मंदिरों में विशेष सजावट किया गया है। शिवालयों में पूरे दिन श्रद्धालु जलाभिषेक करेंगेऔर संध्याकाल में श्रृंगार पूजा होगा ।
सावन महीने में सोमवार के दिन को लेकर हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ एवं व्रत करने से भगवान शिव अपने भक्त पर प्रसन्न होते हैं। सोमवारी व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए सोमवारी व्रत किया था। सोमवार के व्रत का शिव की आराधना और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष महत्व है।श्रावण माह की पहली सोमवारी को लेकर शिवभक्तों के बीच मंदिर जाकर महादेव के पूजन को लेकर काफी उत्साह रहता है।
देश-विदेश के लोगों की अटूट धार्मिक आस्था का प्रतीक बिहार और झारखंड में लगने वाले विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेले में रौनक देखने को मिल रही है। इस मेला के शुभारंभ के साथ ही विदेश और देश के विभिन्न हिस्सों से गेरुआ वस्त्र धारी कांवरियों का सुल्तानगंज पहुंचना शुरू हो चुका है। इस दौरान सम्पूर्ण मेला क्षेत्र और कांवरिया मार्ग बोल बम एवं हर हर महादेव के जयघोष से गूंजने लगा है।चारों ओर भक्ति मय वातावरण बन -सा गया है। सुल्तानगंज में देश- विदेश से आने वाले कांवरिया उत्तर वाहनी गंगा का पवित्र जल कांवर मे भरते हैं और यहां से करीब एक सौ दस किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए झारखंड के देवघर पहुंच कर बाबा बैधनाथ धाम के शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। इस यात्रा के दुर्गम रहने के बावजूद श्रद्धालुओं के हौंसलें एवं भक्ति में कमी नहीं होती है और प्रतिदिन श्रद्धालुओं का सैलाब पूरे कांवरिया मार्ग पर रहता है।सुल्तानगंज से बड़ी संख्या में कांवरियों का जत्था उत्तर वाहिनी गंगा के पवित्र जल भरकर बोल बम ,हर हर महादेव के जयघोष के साथ बाबा नगरी देवघर जा रहा है। जयघोष से पूरा वातावरण आनंदमय हो गया है।