शौचालय में खाना परोसे जाने के बाद खेल अधिकारी निलंबित
लखनऊ/सहारनपुर, 20 सितंबर : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक प्रमुख खेल स्टेडियम के शौचालय में कबड्डी खिलाड़ियों को भोजन परोसे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन में चौतरफा हड़कंप मचा हुआ है। जिसके बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को एक क्षेत्रीय खेल अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
सहारानपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्पोर्ट्स स्टेडियम में हुई इस घटना के बाद शासन स्तर के खेल अधिकारी अनिमेष सक्सेना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल ने बताया कि मामले की जांच सहारनपुर के जिलाधिकारी अखिलेश सिंह को सौंप दी गयी है। उनसे तीन दिन के भीतर पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
श्री सहगल ने कहा, “जिस ठेकेदार को खिलाड़ियों को खाना बनाने और उपलब्ध कराने का ठेका दिया गया था, उसे ब्लैकलिस्ट (काली सूची में डालने) करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि उसे भविष्य में कोई काम न दिया जाये।”
श्री सहगल ने कहा कि खेल निदेशक को आदेश दिया गया है कि आरएसओ के जिन अधीनस्थों को आयोजन के दौरान भोजन परोसने का काम सौंपा गया था उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाये। उन्होंने कहा, “सभी खेल अधिकारियों को चेतावनी दी गई है कि खिलाड़ियों को सुविधाएं मुहैया कराने में किसी भी तरह की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
सोशल मीडिया पर महिला खिलाड़ियों को शौचालय के अंदर खाना परोसने का एक वीडियो वायरल होने के बाद यह कदम उठाया गया है। कथित रूप से अंबेडकर स्टेडियम के वीडियो में खिलाड़ियों को पुरुषों के शौचालय के अंदर रखे बर्तनों में खाना लेते देखा जा सकता है।
सहारनपुर के जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने कहा कि 16 सितंबर से डॉ भीमराव अंबेडकर स्पोर्ट्स स्टेडियम में तीन दिवसीय सब जूनियर बालिका कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था।
उन्होंने बताया कि पहले दिन 300 खिलाड़ियों को दोपहर के भोजन के साथ परोसा गया चावल घटिया और आध पका हुआ था। इस वजह से आयोजकों ने चावल और पूरी की थाली शौचालय के अंदर छिपा दी।
श्री सिंह ने कहा कि पूछताछ में आरएसओ अनिमेष सक्सेना ने दावा किया कि भोजन दोपहर दो बजे शुरू होना था, लेकिन सभी खिलाड़ी एक ही बार में कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए जिससे व्यवस्था प्रभावित हुई।
श्री सिंह ने कहा, “उन्होंने माना कि चावल की गुणवत्ता खराब थी और चपातियों की कमी हो गई थी। भोजन तैयार करने के लिए केवल दो रसोइए उपलब्ध थे।”
उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में 17 मंडलों और एक छात्रावास की टीमें भाग ले रही थीं। खिलाड़ियों के रहने और खाने की व्यवस्था स्टेडियम के अंदर ही की गयी थी।