युवाओं को आत्मविश्वास देता है यूथ गेम्स:तैराक अपेक्षा
भोपाल, 31 जनवरी : मुंबई की प्रतिभावान तैराक अपेक्षा फर्नांडिस ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हिस्सा लेने से पहले कहा है कि यह आयोजन युवाओं को आगे बढ़ने का आत्मविश्वास देता है।
अपेक्षा ने कहा,“ मेरा मानना है कि यह सभी के लिये बहुत बड़ा मंच है। इस आयोजन में कम उम्र के तैराक भी हिस्सा लेते हैं। ऐसे में आपको भावी पीढ़ी के साथ प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलता है। साथ ही यह भावी पीढ़ी को आगे के लिये आत्मविश्वास देता है। इसमें देश के बेहतरीन एथलीट हिस्सा लेते हैं, लिहाजा आपको उनके और उनके खेल के बारे में जानने का मौका मिलता है। आप हर किसी से कुछ सीखते हैं। मेरी नजर में इसमें हिस्सा लेने वाले हर खिलाड़ी के लिये यह एक महान अवसर होता है। ”
तैराकी में भारत के सबसे चमकदार उभरते हुए सितारों में से एक हैं। बीते साल पेरू में आयोजित जूनियर विश्व तैराकी चैंपियनशिप में 200 मीटर बटरफ्लाई इवेंट के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय अपेक्षा दूसरी बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हिस्सा ले रही हैं।
अपेक्षा के पिता बीजी फर्नांडिस आईआईटी मुंबई में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं और उनकी मां हीरानंदानी अस्पताल में मनोचिकित्सक हैं। अपेक्षा ने पंचकुला में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स के चौथे संस्करण में पांच स्वर्ण और एक रजत सहित कुल छह पदक जीते थे। इसमें से चार स्वर्ण 100 मीटर बटरफ्लाई, 200 मीटर बटरफ्लाई, 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले और 50 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में आये थे, जबकि एक स्वर्ण रिले में आया था। रिले में ही अपेक्षा की टीम को रजत भी मिला था।
अपेक्षा एक बार फिर खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए तैयार हैं, जो कि मध्य प्रदेश में पहली बार हो रहा है। तैराकी के आयोजन भोपाल स्थित प्रकाश तरूण पुष्कर में सात से 11 फरवरी के बीच होंगे।
प्रतियोगिता के समय चार से छह घंटे अभ्यास करने वाली अपेक्षा ने कहा, “इस बार मैं चार आयोजनों में ही हिस्सा लूंगी क्योंकि समय-सारिणी के मुताबिक मेरे दो आयोजन एक के बाद एक होंगे। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना चाहती हूं और इसी कारण इस बार चार व्यक्तिगत आयोजनों में हिस्सा लूंगी। अभी बोर्ड इग्जाम का भी दबाव है इसलिये मैंने यह फैसला लिया।”
रोजर फेडरर औऱ सेरेना विलियम्स को अपना आदर्श मानने वाली अपेक्षा ने कहा कि कर्नाटक की कुछ तैराक उनके सामने चुनौती पेश कर सकती हैं लेकिन वह इसके लिये तैयार हैं क्योंकि जब प्रतिस्पर्धा कड़ी होती है तब ही कोई एथलीट अपना सर्वश्रेष्ठ दे पाता है। अपेक्षा ने बताया कि उनका अगला लक्ष्य एशियाई खेलों में हिस्सा लेना और देश के लिये पदक जीतना है।
ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप गोल्ड मेडलिस्ट लिडिया जैकोबी की तरह बनने की आकांक्षा रखने वाली अपेक्षा ने कहा, “अगले साल का सबसे बड़ा आयोजन एशियाई खेल है जो मेरे दिमाग में एक लक्ष्य है। मैं निश्चित रूप से वहां पदक जीतने का लक्ष्य रखूंगी, लेकिन मुझे उसी के अनुसार प्रशिक्षण करना होगा। यह एक अल्पकालिक लक्ष्य है। इस पर मैं अपना पूरा जोर लगा रही हूं। अभी इसी पर ध्यान है। उसके बाद मैं आगे की योजना बनाउंगी।”