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मोमासर उत्सव में कलाकारों ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

बीकानेर, 04 नवंबर     दुर्लभ लोक संगीत, कला और परम्पराओं को सहेजने वाले राजस्थान के सबसे बड़े सांस्कृतिक उत्सव “मोमासर उत्सव” में विभिन्न कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों और कलाओं से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

बीकानेर के मोमासर में शुक्रवार को शुरू हुए तीन दिवसीय मोमासर उत्सव के 11वें संस्करण की शुरुआत हुई जिसमें इस बार 50 प्रतिशत महिला कलाकार और दस्तकार अपनी प्रस्तुतियों और कलाओं से आयोजन को गुलज़ार कर रहे हैं।

राजस्थान का यह पहला सांस्कृतिक कार्यक्रम है जिसमें आधे महिला कलाकार शामिल हैं वहीं यह एक ऐसा दुर्लभ आयोजन है जिसमें ना उम्र की कोई सीमा है और ना ही शारीरिक चुनौतियों का कोई बंधन। यहां पुरुष, महिलाएं, युवा, बुज़ुर्ग, दृष्टिबाधित, विशेष योग्यजन हर तरह के कलाकार इसमें भाग लेते आ रहे हैं ।

उत्सव के 11वें संस्करण में पहले दिन की शुरुआत भोमियाजी मंदिर में गीता पराग कबीर और साथियों के भक्ति संगीत से हुई। इसके बाद हवेली चौक में रामकुमार नाथ जोगी ने तीन लोक वाद्य पुंगी, बांसुरी और अलगोजा वादन की अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। शांति देवी कालबेलिया और साथियों ने पुंगी पर कालबेलिया समुदाय के गीत पेश किए। बेगम बतूल ने भी शेखावाटी के पारंपरिक लोक गीतों से शेखावाटी की समृद्ध विरासत को यहां साकार किया।

रात को द सैंड्स में आयोजित ‘म्यूजिक अंडर द स्टार्स’ में नानक नाथ जोगी ने जोगिया सारंगी पर भक्ति गीत पेश किए। साउथ अमरीकी कलाकार निकोलस – कैरोलीना व ट्रंपेट कलाकार आमिर बियानी की संगीतमय प्रस्तुति ने दिखाया कि संगीत की कोई भाषा और सीमा नहीं होती है। इसके बाद भुंगर खान पारंपरिक मांगणियार गीत और अम्बा लाल व साथियों के बॉलीवुड क्लासिक्स ने रात को द सैंड्स (कुनाल-कनिका फार्म) के खुले मैदान में समां बांध दिया।

यह उत्सव राजस्थान की संस्कृति, अद्भुत कला और दुर्लभ लोक संगीत को बरसों से सहेजता आ रहा है। यह राजस्थान का एकमात्र ऐसा आयोजन है जिसमें इतने बड़े स्तर पर समुदाय और आमजन की सहभागिता रहती है।

उल्लेखनीय है कि मोमासर उत्सव का आयोजन ‘जाजम फाउंडेशन’ द्वारा किया जाता है। जिसके मुख्य आयोजक सुरवि चैरिटेबल ट्रस्ट और सह-प्रायोजक संचेती ग्रुप हैं। नागपाल इवेंट्स-जयपुर, विश-मेकर्स-दिल्ली, लोक-धुनी फाउंडेशन, डांसिंग पिकॉक और मर्करी कम्यूनिकेशन इस उत्सव के सहयोगी हैं।

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