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मान ने कवि संत राम उदासी की जंयंती पर उन्हें नमन किया

चंडीगढ़, 20 अप्रैल: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को पंजाब के क्रांतिकारी कवि संत राम उदासी की जयंती पर उन्हें नमन किया है।

श्री मान ने ट्वीट कर कहा कि कवि संत राम उदासी जी की रचनाओं का हर शब्द हमारे मन में क्रांति की भावना भर देता है…। कार्यकर्ताओं के डूबते सूरज, क्रांतिकारी कवि संत राम उदासी जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन…।

संत राम उदासी का जन्म 20 अप्रैल 1939 को पंजाब में बरनाला के गांव रायसर में एक मजहबी सिख भूमिहीन श्रमिक परिवार में हुआ था। वह 1960 के दशक के अंत में पंजाब में नक्सली आंदोलन के प्रमुख पंजाबी कवियों में से एक थे। उन्होंने क्रांतिकारी और दलित चेतना के बारे में लिखा। उनकी प्रमुख कविताएं का संग्रह लहू भिजे बोल, चौ-नुक्रियां सीखां, सैनतां और कंमियां दा वेहड़ा हैं।

कवि उदासी ने 40 वर्ष पहले कविता लिखी, परन्तु वह आज के देश में घट रहे हालातों के संदर्भ में बहुत ही उचित साबित हो रही। कवि उदासी का छह नवंबर 1986 को नांदेड में निधन हाे गया था।

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