अगरतला 07 जुलाई : कांग्रेस के दो विधायकों गोपाल रॉय और बिरजीत सिन्हा को छोड़कर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, टिपरा मोथा तथा कांग्रेस के अन्य सभी विपक्षी विधायकों ने पांच विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने के फैसले के विरोध में शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन बहिर्गमन किया।
निलंबित होने वाले विपक्षी विधायकों में सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य एवं कांग्रेस विधायक सुदीप रॉयवर्मन भी शामिल हैं।
विधानसभा मेंं आज जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी दल के नेता अनिमेष देववर्मा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक जादव लाल नाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अपने स्थगन प्रस्ताव की स्थिति के बारे में जानना चाहा।
गौरतलब है कि श्री नाथ को इस साल मार्च में पिछले विधानसभा सत्र के दौरान कथित तौर पर अश्लील वीडियो देखते हुए पकड़ा गया था।
विधानसभा अध्यक्ष विश्वबंधु सेन ने श्री देववर्मा को बोलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया और इसके बजाय वित्त मंत्री प्राणजीत सिंघा रॉय को 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए बजट पेश करने का निर्देश दिया। विपक्षी नेता सभी 27 विपक्षी विधायकों के साथ सदन के बीचोंबीच आ गए।
विपक्षी सदस्य श्री नाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए नारा लगाया और 40 मिनट तक नारेबाजी और हंगामा जारी रहा। विरोध के दौरान अचानक टिपरा मोथा के तीन विधायक नंदिता रियांग, बृशकेतु देववर्मा और रंजीत देववर्मा ने सदन में मेज पर चढ़ गए तथा अपना विरोध जारी रखा।
विरोध एवं हंगामा से व्यथित होकर मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने विधानसभा अध्यक्ष से बजट सत्र के दौरान सदन की मर्यादा को भंग करने के लिए पांच विपक्षी विधायकों को सत्र से निलंबित करने का अनुरोध किया।
नतीजतन, विस अध्यक्ष सेन ने कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय वर्मन, टिपरा मोथा विधायकों – विरशकेतु देववर्मा, रंजीत देववर्मा और नंदिता रियांग के साथ-साथ माकपा विधायक नयन सरकार को दिन के कामकाज से निलंबित कर दिया।
फैसले का विरोध करते हुए कांग्रेस के दो विधायकों को छोड़कर पूरा विपक्ष सदन से बर्हिगमन कर गया जब अध्यक्ष ने अपना फैसला वापस लेने से इनकार कर दिया।