हिमाचल का मिनी इजरायल धर्मकोट में सन्नाटा
धर्मकोट (धर्मशाला) 09 अक्टूबर हिमाचल प्रदेश के मिनी इज़रायल के रूप में प्रसिद्ध धर्मकोट गांव में फिलीस्तीनी चरमपंथी समूह हमास द्वारा पिछले सप्ताहांत इजरायल पर बड़े पैमाने पर किए गए हमले के बाद से सन्नाटा पसरा हुआ है।
मैक्लोडगंज के नजदीक स्थित गांव में इजरायली व्यंजन परोसने वाले रेस्तरां, जो इजरायली पर्यटकों से भरे रहते थे, रविवार को ज्यादातर खाली थे। सदमा और शोक इसलिए और भी अधिक है क्योंकि यह हमला शनिवार को यहूदी नव वर्ष की छुट्टी शबात के दिन हुआ।
धर्मकोट में दक्षिणी इजरायल के अशदोद शहर की एक महिला पर्यटक मोहर ने कहा कि समाचार चैनलों पर जो दिखाया जा रहा है उससे कई गुना अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि समाचार चैनलों पर बहुत कम दिखाया जा रहा है लेकिन सोशल मीडिया ऐप्स पर उनके दोस्तों और परिवार द्वारा भेजी गई तस्वीरें और वीडियो भयावह हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को भी नहीं बख्शा गया है। सुश्री मोहर ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों से बात की है। लेकिन वे सुरक्षित नहीं हैं।
इजरायल के कुछ नागरिकों ने दिल्ली लौटना शुरू कर दिया है और कुछ ने ट्रैवल एजेंटों से अपनी हवाई टिकट बुकिंग बदलने के लिए कहा है। धर्मकोट के कुछ रेस्तरां मालिकों ने इजरायल में आतंकवादी हमले पर धार्मिक यहूदियों द्वारा प्रार्थना शॉल के रूप में पहना जाने वाला एक किनारीदार परिधान टैलिट पहनकर अपनी संवेदना व्यक्त की है। यहां के लोग अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर इजरायल के प्रति अपनी एकजुटता जाहिर कर रहे हैं।
तेल अवीव की रहने वाली मीरा ने हमास के हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इजरायल को दिए गए समर्थन के लिए भारत को धन्यवाद दिया।
धर्मकोट निवासी और मैक्लोडगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष नरेंद्र पठानिया ने कहा, ”इजरायल में हुए नरसंहार से हम सभी आहत हैं। दुख की इस घड़ी में हमारा समर्थन इजरायल के साथ है।” उन्होंने कहा कि इस लड़ाई का असर यहां के कारोबार पर भी पड़ेगा और निकट भविष्य में इजरायली पर्यटक कम होंगे।
धर्मकोट को ‘पहाड़ियों का तेल अवीव’ कहा जाता है। यह हिमाचल का एकमात्र गांव है जहां यहूदी सामुदायिक केंद्र है। चबाड हाउस इजरायली पर्यटकों के लिए सभी सुविधाएं प्रदान करता है और पूजा स्थल के रूप में कार्य करता है।