कोलकाता, 08 जुलाई : पश्चिम बंगाल में हाल में हुई हिंसक घटनाओं के मद्देनजर तनावपूर्ण माहौल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार सुबह आठ बजे पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान शुरु हुआ हुआ।
ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के लिए मतदान हो रहा है।
आज 22 जिला परिषदों की करीब 928 सीटों, 9730 पंचायत समितियों और 63,229 ग्राम पंचायत सीटों के लिए करीब 5.67 करोड़ लोग 61, 636 मतदान केन्द्रों पर वोट डालेंगे।
शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 822 कंपनियों की मांग की गई है।
राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में 61,636 मतदान केंद्रों में से 4,834 मतदान केंद्रों को ‘संवेदनशील’ केन्द्र के रूप में चिह्नित किया है।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्ष एक-दूसरे पर मतदान केन्द्रों पर कब्जे और हिंसा में शामिल होने के आरोप लगा रहे हैं।
इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक आदेश पारित करके कहा कि केंद्रीय अर्धसैनिक बल, जिन्हें पश्चिम बंगाल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए चरणों में तैनात किया जा रहा है, चुनाव के बाद की घटनाओं को रोकने के लिए 10 दिनों तक अलर्ट पर रहेंगे।मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम और न्यायमूर्ति उदय कुमार की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की युगलपीठ ने आदेश दिया।
उल्लेखनीय है कि ऐसी घटनाएं क्रमशः राज्य पंचायत चुनाव और राज्य विधानसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा के बाद 2018 और 2021 में हुई थीं। चुनाव बाद हिंसा को रोकने लिए सुरक्षाबलों को तैनात करने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी।
पीठ ने कहा, “चुनाव के बाद हिंसा की आशंका है, जिसे पिछले अनुभव को देखते हुए खारिज नहीं किया जा सकता है। हम केवल बड़े पैमाने पर जनता की सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं, और अगर ऐसी हिंसा होती है तो इससे जनता को प्रभावित होगी। ऐसी आशंका है चुनाव के बाद हिंसा हो सकती है क्योंकि जीतने वाले उम्मीदवार जश्न मना सकते हैं। इसलिए परिणाम घोषित होने के बाद केंद्रीय बलों को 10 और दिनों के लिए तैनात किया जाना चाहिए।”