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झारखंड में चारा घोटाले मामले में 35 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई

रांची, 01: अविभाजित बिहार के अरबों रुपए के बहुचर्चित चारा घोटाल घोटाले के अंतिम मामले कांड संख्या आरसी 48 ए/96 में आज रांची के सीबीआई की विशेष अदालत में 35 अभियुक्तों को सजा सुनाई गयी।
सभी को अधिकतम चार-चार साल की सजा और सबसे कम 75 हजार तथा सबसे अधिक एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। एक करोड़ का जुर्माना जिला पशुपालन पदाधिकारी गौरी शंकर प्रसाद को लगाया गया । यह सुनवाई सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत में हुई। मामले में विशेष लोग अभियोजक रविशंकर ने सीबीआई की ओर से पैरवी की। यह मामला 27 साल पुराना है।
उल्लेखनीय है कि यह मामला डोरंडा कोषागार से 36.59 करोड़ के अवैध निकासी का है। इसके पहले 28 अगस्त को इस मामले में सुनवाई हुई थी। मामले में 124 आरोपित ट्रायल फेस कर रहे थे। उनमें से 35 आरोपितों को रिहा कर दिया गया था, जबकि 53 अभियुक्तों को दो से तीन साल की सजा पहले सुनाई गयी थी। निचली अदालत ने इन्हें बेल दे दिया था।
शेष बचे इन 35 अभियुक्तों को आज सजा मिली। पब्लिक सर्वेंट नियानंद कुमार सिंह को चार साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना, डॉ जुनुल भेंगराज को चार साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना, डॉ कृष्ण मोहन प्रसाद चार साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना, डॉ राधा रमण सहाय को चार साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना, डॉ गौरी शंकर प्रसाद को चार साल की सजा और एक करोड़ का जुर्माना, डॉ रविन्द्र कुमार सिंह को चार साल की सजा और 75 हजार का जुर्माना, डॉ फणीन्द्र कुमार त्रिपाठी को चार साल की सजा और 75 हजार का जुर्माना, महेन्द्र प्रसाद को चार साल की सजा और तीन लाख का जुर्माना, देवेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव को चार साल की सजा और तीन लाख का जुर्माना, अशोक कुमार यादव को चार साल की सजा और चार लाख 40 हजार का जुर्माना, रामनंदन सिंह को चार साल की सजा और 16 लाख का जुर्माना, बिजेश्वरी प्रसाद सिन्हा को चार साल की सजा और 36 लाख 10 हजार का जुर्माना, अजय कुमार सिन्हा को चार साल की सजा और 13 लाख पांच हजार का जुर्माना, राजन मेहता को चार साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना, रवि नंदन कुमार सिन्हा को चार साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना, राजेन्द्र कुमार हरित को चार साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना, अनिल कुमार को चार साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना, त्रिपाठी मोहन प्रसाद को चार साल की सजा और 30 लाख का जुर्माना, दयानंद प्रसाद कश्यप को चार साल की सजा और 30 लाख का जुर्माना, शरद कुमार को चार साल की सजा और 40 लाख 40 हजार का जुर्माना, मो सईद को चार साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना, मो तौहिद को चार साल की सजा और पांच लाख जुर्माना, संजय कुमार को चार साल की सजा और पांच लाख 20 हजार का जुर्माना, रामा शंकर सिंह को चार साल की सजा और दस लाख का जुर्माना, उमेश दूबे को चार साल की सजा और 11 लाख का जुर्माना, अरुण कुमार वर्मा को चार साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना, अजीत कुमार वर्मा को चार साल की सजा और 24 लाख 50 हजार का जुर्माना, सुशील कुमार सिन्हा को चार साल की सजा और 12 लाख का जुर्माना, जगमोहन लाल कक्कड़ को चार साल की सजा और चार लाख 40 हजार का जुर्माना, श्याम नंदन सिन्हा को चार साल की सजा और पांच लाख 50 हजार का जुर्माना, मोहिन्द्र सिंह बेदी को चार साल की सजा और 25 लाख का जुर्माना, प्रदीप कुमार चौधरी को चार साल की सजा और तीन लाख 80 हजार का जुर्माना, सत्येन्द्र कुमार मेहरा को चार साल की सजा और 16 लाख का जुर्माना, मदन मोहन पाठक को चार साल की सजा और चार साल की सजा, प्रदीप वशिष्ठ उर्फ प्रदीप कुमार को चार साल की सजा और छह लाख का जुर्माना लगाया गया है। एक आरोपित सुरेश दूबे फरार है।

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