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पाकिस्तान कई बार भारत गया, अब भारत की बारी : मियांदाद

नयी दिल्ली, 19 जून : पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने कहा है कि जब तक भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा नहीं करती तब तक उनकी टीम को भारत नहीं आना चाहिये। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की योजना के अनुसार भारत और पाकिस्तान को एकदिवसीय विश्व कप में 15 अक्टूबर को एक-दूसरे का सामना करना है, हालांकि मियांदाद नहीं चाहते कि उनके देश के खिलाड़ी भारत आयें।
मियांदाद ने सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कहा, “पाकिस्तान 2012 में और 2016 में भी भारत गया था। अब भारतीयों के यहां आने की बारी है।”
उन्होंने कहा, “अगर मुझे फैसला करना होता तो मैं कोई भी मैच खेलने के लिये भारत नहीं जाता, यहां तक ​​कि विश्व कप भी नहीं। हम उनके (भारत) साथ खेलने के लिये हमेशा तैयार रहते हैं लेकिन वे कभी भी इसका बदला नहीं चुकाते।”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान क्रिकेट बड़ा है। हम अब भी अच्छे खिलाड़ी पैदा कर रहे हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि अगर हम भारत नहीं जाते हैं तो इससे हमें कोई फर्क पड़ेगा।”
भारत ने आखिरी बार 2008 में एकदिवसीय एशिया कप के लिये पाकिस्तान का दौरा किया था। तब से दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक तनाव के कारण द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों को निलंबित कर दिया गया था।
मियांदाद का कहना है कि क्रिकेट और राजनीति को अलग अलग रखना चाहिये।
मियांदाद ने कहा, “मैं हमेशा कहता हूं कि कोई अपने पड़ोसियों को नहीं चुन सकता है, इसलिए एक दूसरे के साथ सहयोग करके रहना बेहतर है। मैंने हमेशा कहा है कि क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो लोगों को एक-दूसरे के करीब लाता है और देशों के बीच गलतफहमियों और शिकायतों को दूर कर सकता है।”
उल्लेखनीय है कि भारत को सितंबर में होने वाले एशिया कप के लिये पाकिस्तान जाना था, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर पड़ोसी मुल्क जाने से मना कर दिया। लंबी खींचातानी के बाद एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) ने आगामी एशिया कप को हाइब्रिड मॉडल में आयोजित करने का फैसला किया, जिसके तहत टूर्नामेंट के चार मैच पाकिस्तान में खेले जायेंगे, जबकि भारत के मैचों सहित नौ मुकाबलों की मेजबानी श्रीलंका करेगा। मियांदाद को यह फैसला अच्छा नहीं लगा।
उन्होंने कहा, “यह मालूम ही था कि वे फिर से अपनी टीम को एशिया कप के लिये पाकिस्तान नहीं भेजेंगे, इसलिये समय आ गया है कि हम भी अब कड़ा रुख अपनाएं।”

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