चीन और अमेरिका मतभेद दूर कर जलवायु परिवर्तन पर काम करे :बिलावल
वॉशिंगटन, 28 सितम्बर: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अमेरिका और चीन से अपने मतभेदों को दूर करने और वैश्विक जलवायु में सुधार के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने दोनों विश्व शक्तियों से इस मुद्दे पर एक-दूसरे के साथ लड़ने के बजाय सहयोग करने का आग्रह किया। वाशिंगटन थिंक-टैंक में अपने संबोधन में श्री बिलावल ने कहा, “मुझे बिल्कुल स्पष्ट होने दो। हम जलवायु परिवर्तन से उबर नहीं पाएंगे। हम अपने ग्रह को नहीं बचाएंगे। अगर चीन और अमेरिका जलवायु पर एक साथ काम नहीं करते हैं।”
समाचार पत्र ‘डान’ के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन द्वारा पाकिस्तान को अपने ऋण के पुनर्गठन के लिए चीन के साथ बातचीत करने के लिए कहे जाने के बाद मंगलवार को श्री बिलावल ने यह बात कही।
श्री ब्लिंकन ने एक दिन पहले अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ एक संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हमने भारत के साथ एक जिम्मेदार रिश्ते के प्रबंधन के महत्व के बारे में बात की और अपने सहयोगियों (पाकिस्तान) से चीन के कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चीन को शामिल करने का भी आग्रह किया। कर्ज राहत और पुनर्गठन ताकि पाकिस्तान बाढ़ से और तेजी से उबर सके।”
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को कहा कि उनका देश पहले से ही बाढ़ पीड़ितों के लिए सहायता प्रदान कर रहा है और प्रभावित क्षेत्रों में हजारों घरों के पुनर्निर्माण में भी मदद करेगा।
उन्होंने अन्य देशों से चीन-पाकिस्तान सहयोग के खिलाफ अनुचित आलोचना करने के बजाय कुछ वास्तविक और लाभकारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने पाकिस्तान को आरएमबी 40 करोड मूल्य की मानवीय सहायता प्रदान की, जबकि चीन का नागरिक समाज भी मदद का हाथ बढ़ा रहा है।
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा “ऋण राहत के एक प्रभावी तंत्र” के लिए हाल ही में अपील के बाद लेनदारों के साथ अपने ऋण के पुनर्गठन की संभावना पर चर्चा की है और माना जाता है कि श्री बिलावल और श्री ब्लिंकन के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया गया।
अमेरिका, पाकिस्तान के लिए अब तक बाढ़ राहत और पुनर्वास निधि के लिए सबसे बड़ा दानदाता है। वह जुलाई से अब तक लगभग पांच करोड़ 60 लाख डॉलर की सहायता प्रदान कर चुका है। अमेरिका ने द्विपक्षीय बैठक के बाद खाद्य सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सौ करोड़ डॉलर की मदद घोषणा की।