ईएचसी शरीफ बंधुओं के खिलाफ अवमानना याचिका की सुनवाई पर फैसला करेगा
इस्लामाबाद, 29 अगस्त : इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया कि वह नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी के संबंध में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके भाई के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका पर सुनवाई करेगा या नहीं।
शरीफ बंधुओं के खिलाफ दायर याचिका के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री नवाज बीमारी के कारण लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) की अनुमति से विदेश गए थे और उनके भाई ने एक हलफनामा दिया था कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो इलाज के बाद वतन वापस आएंगे, लेकिन वास्तव में, पूर्व प्रधानमंत्री अभी तक वतन वापस नहीं आये।
याचिका में अनुरोध किया गया है कि नवाज को ‘अपराधी’ करार दिया जाए और दोनों भाइयों के खिलाफ अदालती की अवमानना करने पर कार्यवाही की जाए।
मामले की सुनवाई आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह की अदालत में हुई, जिसमें याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सैयद जफर अली शाह ने कहा कि श्री शहबाज के हलफनामा देने के बाद लाहौर उच्च न्यायालय ने आदेश जारी किया गया था, जबकि आईएचसी ने श्री नवाज की दो अपीलों पर सुनवाई की थी।
याचिकाकर्ता शाह ने आगे कहा कि श्री नवाज ने आईएचसी से जमानत पर रहते हुए देश छोड़ दिया और उन्हें संघीय कैबिनेट ने 2.5 करोड़ रुपये की शर्त के साथ विदेश जाने की अनुमति दी।
मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि पूर्व प्रधानमंत्री का नाम पूर्व संघीय कैबिनेट द्वारा निकास नियंत्रण सूची (ईसीएल) से वापस ले लिया गया था और सरकार ने आईएचसी से संपर्क नहीं किया, भले ही अपील उच्च न्यायालय में लंबित थी।