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जर्मनी 2023 में झेल सकता है मंदी मार: सरकार

बर्लिन, 13 अक्टूबर : जर्मनी सरकार और प्रमुख आर्थिक संस्थानों ने कहा है कि देश वर्तमान समय में ऊर्जा संकट से जूझ रहा है और अगले वर्ष 2023 में 0.4 प्रतिशत के आर्थिक में कमी आने पर मंदी की मार झेल सकता है।

आर्थिक मामलों के मंत्री रॉबर्ट हेबेक ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ” अगले साल ऊर्जा संकट से आर्थिक और सामाजिक संकट बढ़ने का खतरा है।” उन्होंने कहा कि इससे पहले जर्मन सरकार ने अभी भी अगले वर्ष के लिए 2.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।

श्री हेबेक ने जोर देकर कहा कि ऊर्जा संकट को दूर करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों पर काम किया गया है चाहे ये आंकड़े कितने भी गंभीर और निराशाजनक क्यों न हों।

उन्होंने कहा कि देश में काफी तेजी से आर्थिक गिरावट का पूर्वानुमान लगाया गया है। देश इस समय सबसे खराब स्थिति के दौर से गुजर रहा है, क्योंकि सितंबर की शुरुआत में रूसी गैस की आपूर्ति को बंद कर दिया गया था।

इस सर्दी में हीटिंग की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, अधिकारियों ने देश के गैस भंडारों को भरने में तेजी लाई है।
श्री हेबेक ने कहा कि सरकार के कानूनी लक्ष्यों के अनुसार, एक नवंबर तक गैस भंडारण सुविधाएं कम से कम 95 प्रतिशत पूर्ण होनी चाहिए। यह लक्ष्य अब लगभग पूरा हो चुका है।

इस सर्दी के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों ने देश के गैस भंडारों को भरने में तेजी लाई है। सरकार के कानूनी लक्ष्यों के मुताबिक 01 नवंबर तक गैस भंडारण सुविधाएं कम से कम 95 प्रतिशत पूरी होनी चाहिए।

फ़ेडरल स्टैटिस्टिकल ऑफ़िस (डेस्टैटिस) द्वारा जारी प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, रूस-यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत के बाद से जर्मनी में मुद्रास्फीति लगातार बढ़ी है, जो सितंबर में 10 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।

उच्च मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने के लिए, सरकार ने पहले से ही राहत उपायों को जारी किया है।
श्री हेबेक ने कहा कि आर्थिक संस्थानों के पूर्वानुमान के अनुसार मुद्रास्फीति अगले साल सात प्रतिशत तक गिर जाएगी।
बहरहाल, कंपनियों ने चेतावनी दी है कि ‘कमजोर निवेश’ देश की आर्थिक विकास क्षमता को कम कर रहा है।

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