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भारत आसियान व्यापारिक संबंध व्यापक रणनीतिक स्तर पर

नामपेन्ह (कंबोडिया), 13 नवंबर : भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) ने पारस्परिक संबंधों को विस्तृत और प्रगाढ़ करते हुए इससे अब “व्यापक रणनीतिक भागीदारी” के स्तर पर ले जाने की घोषणा की है।

यहां 19वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के बाद शनिवार को जारी संयुक्त घोषणा-पत्र में कहा गया है, “आसियान के हम सभी सदस्य देश और भारत द्वारा एक ऐसी आसियान-भारत व्यापक रणनीति भागीदारी स्थापित करने की घोषणा करते हैं जो सार्थक ठोस और परस्पर लाभदायक होगी।”

भारत इस क्षेत्रीय संगठन के साथ तीन दशक पहले कुछ क्षेत्र विशेष से जुड़े मामलों पर भागीदार के रूप में जुड़ा था। अब यह भागीदारी इस समय रणनीतिक भागीदारी का रूप ले चुकी है। भारत आसियान संबंध के तीस वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में समर्पित 19वीं शिखर बैठक में इस संबंध को व्यापक रणनीतिक भागीदारी का रूप देने का यह निर्णय हुआ है । इसके तहत भारत और आसियान ने समुद्री नौवहन के क्षेत्र में और उन्नत सहयोग, आतंकवाद एवं सीमा पार से संचालित संगठित अपराधों से निपटने, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में संवाद का एक नया मंच शुरू करने , डिजिटल अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, फिनटेक के क्षेत्र में सहयोग के विस्तार की संभावनाओं का पता लगाने, नई खेती और खाद्य सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला को भरोसेमंद बनाने, परिवहन एवं संपर्क सुविधाओं के विस्तार के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर रक्षा मंत्रियों के अनौपचारिक सम्मेलन के रूप में संवाद की एक नई पहल शुरू करने की घोषणा की है।

आसियान शिखर बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया। उनके साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर भी कंबोडिया आए हैं। इस बैठक का आयोजन 40 में और 41 में आसियान शिखर सम्मेलन के साथ किया गया है। श्री धनखड़ रविवार को भारत पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में भारतीय दल का नेतृत्व करेंगे।

भारत आसियान शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णयों और उपराष्ट्रपति तथा विदेश मंत्री की द्विपक्षीय बैठकों के बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय में सचिव पूर्व सौरभ कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि भारत और आसियान के नेताओं ने भारत आसियान मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा का दायरा तय करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और अब इसकी समीक्षा जल्द शुरू होगी।

उन्होंने कहा , “हमारा मानना है कि भारत आसियान व्यापार समझौता समीक्षा के बाद व्यापार बढ़ाने में और अधिक सहायक बनेगा तथा व्यापार के लिए और अनुकूल सिद्ध होगा।”

श्री कुमार ने कहा कि भारत आसियान रक्षा मंत्रियों की पहली अनौपचारिक बैठक जल्दी ही होने की संभावना है। उन्होंने उपराष्ट्रपति की मेजबान कंबोडिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों की जानकारी देते हुए बताया कि कंबोडिया की शाही सेना के उप कमांडर भारत की यात्रा पर जाने वाले हैं। भारत को उम्मीद है कि कंबोडिया नरेश भी अगले साल भारत की यात्रा करेंगे इसकी प्रतीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत और कंबोडिया रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना चाहते हैं। भारत में कंबोडिया को 2025 तक बारूदी सुरंगो से मुक्त करने की कंबोडिया सरकार की योजना में सहायता बढ़ाने का फैसला किया है । इस काम के लिए भारत उसे और अधिक अनुदान और सहायता देगा।

श्री धनखड़ रविवार को यहां से कंबोडिया के सिम रीप क्षेत्र में ता प्रोह्म बौद्ध मंदिर के नृत्य मंडप का उद्घाटन करेंगे जिसका जीर्णोद्धार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने किया है। यह मंदिर यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व की ऐतिहासिक धरोहरों की सूची में शामिल है।

श्री धनखड़ वहां के प्रसिद्ध अंकोरवाट मंदिर को भी देखने जाएंगे और वहां से स्वदेश के लिए प्रस्थान करेंगे। वर्ष 2015 के बाद देश के उपराष्ट्रपति की यह है पहली कंबोडिया यात्रा है।

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