गहलोत मुझे मुजरिम साबित करने में व्यस्त-शेखावत
जयपुर 14 अप्रैल : केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि गहलोतजी मुझे मुल्जिम नहीं मुजरिम साबित करने के षड्यंत्र में अपनी सारी जिम्मेदारियां त्याग कर व्यस्त हैं जबकि मैं दोनों नहीं हूं।
श्री शेखावत ने संजीवनी क्रेडिट सोसायटी धोखाधड़ी मामले में न्यायालय के उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा देने पर श्री गहलोत की प्रतिक्रिया पर सोशल मीडिया के जरिए यह बात कही। उन्होंने कहा “मुझे तनिक भी संदेह नहीं कि न्यायिक प्रक्रिया से मेरा सच तो सामने आएगा ही गहलोतजी कहीं मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहेंगे।”
उन्होंने कहा”गहलोतजी सीएम हैं या साजिशकर्ता। षड़यंत्रकारी अगर अपने अधिकार का दुरुपयोग कर बिना सबूत किसी निरपराध को दोषी साबित करना चाहे तो न्यायालय ही सच और झूठ का फैसला करता है।
वे अपने रचे हर बुरे खेल में हारते हैं और मैं जनता-जनार्दन के समर्थन से उनके सामने सच का सहारा लेकर खड़ा रहता हूं।”
उन्होंने कहा “गहलोतजी मेरे खिलाफ सारी सीमाएं लांघने को क्यों तैयार रहते हैं। लोकसभा चुनाव में मेरे खिलाफ प्रत्याशी उनके पुत्र थे लेकिन लड़ाई गहलोतजी ने की। समूची सरकार मेरे पीछे लगा दी। आज तक गहलोत जी वही कर रहे हैं, मेरे खिलाफ सारे शासन-प्रशासन को लगा रखा है।”
उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति जिसे अपने पर क्रोध पर काबू नहीं वो राज्य की व्यवस्था को संतुलित ढंग से नहीं चला सकता। उन्हें क्रोध काबू करने के लिए योग, मेडिटेशन, विपश्यना आदि करना चाहिए। कांग्रेस को भी उन्हें ब्रेक देने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि खुद से तो वे कुर्सी छोड़ेंगे नहीं।
श्री शेखावत ने आरोप लगाते हुए कहा” गहलोतजी को इतना गुस्सा क्यों आता है। उन्हें अपने हर राजनीतिक विरोधी से नफरत है। जैसे रावण अहंकार में चूर होकर अपने विरोधियों, सहयोगियों, अपने भाई, जनता पर क्रोध करता था, गहलोतजी के भी वही लक्षण हैं। मुखिया का इतना गुस्सा राज्य की जनता के लिए हानिकारक है।
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने बुधवार को संजीवनी क्रेडिट सोसायटी धोखाधड़ी मामले में दर्ज एफआईआर में श्री शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक लगा देने के बाद श्री गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है ” कल तक तो कह रहे थे कि मैं इस मामले में हूं ही नहीं, फिर हाईकोर्ट क्यों पहुंचे ।”
मुख्यमंत्री ने कहा ” राजस्थान के लोग बर्बाद हो रहे है, मेरे पास भी आए थे, रोने लगे। ऐसे मंत्री को केन्द्रीय मंत्री रहने का अधिकार नहीं । प्रधानमंत्री कोई चाहिए कि ऐसे मंत्री को बर्खास्त करे।”