जीवन बीमा को लेकर लोगों में आ रही जागरूकता, आईपीक्यू में वृद्धि जारी
नयी दिल्ली 23 जनवरी : काेरोना महामारी के बाद हर आयु वर्ग के लोगों में जीवन बीमा को लेकर जागरूकता बढ़ी है है। इसका खुलासा इंडिया प्रोटेक्शन कोशेंट(आईपीक्यू) सर्वे में हुआ जो वर्ष 2019 के 35 की तुलना में आठ बढ़कर 43 तक पहुंच गया है।
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने कांतार के सहयोग से कराए अपने फ्लैगशिप सर्वे इंडिया प्रोटेक्शरन कोशेंट (आईपीक्यू ) के पांचवें संस्करण के परिणाम आज जारी किए। 5वें संस्करण के तहत इस सर्वे के जरिए पिछले 5 वर्षों के दौरान भारत के वित्तीय सफर का अध्ययन किया गया है और इस तरह यह भारत की वित्तीय सुरक्षा तथा तैयारियों के आधारभूत भरोसेमंद संकेत के रूप में उभरा है। कोविड-19 महामारी के दौरान बेहद अनिश्चित और चुनौतीपूर्ण दौर में कराया गया था और अब तक सात अलग-अलग सर्वेक्षणों के जरिए इसने 30,000 से ज्याेदा प्रतिभागियों तक पहुंच बनायी है।
2019 में, 35 के प्रोटेक्शिन कोशेंट के साथ शुरुआत करने वाले भारत ने एक लंबा सफर तय कर लिया है। सर्वे के नवीनतम संस्करण में शहरी भारत ने एक सकारात्मक रुझान पेश करते हुए आईपीक्यू 1.0 की तुलना में, प्रोटेक्शीन कोशेंट में 8 अंकों से छलांग लगाकर 43 का आंकड़ा छू लिया है। सर्वे से यह भी खुलासा हुआ है कि शहरी भारतीय लाइफ इंश्योीरेंस प्रोडक्ट को लेकर जागरूक हो रहे हैं। लाइफ इंश्योरेंस ओनरशिप स्तर 2019 की तुलना में 800 बीपीएस से बढ़कर 73 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
आईपीक्यू 5.0 में यह पाया गया है कि अब जबकि सेहत को लेकर चिंताओं में अब कम आयी है, शहरी भारत ने अपनी प्राथमिकताओं को नए सिरे से तय करने की शुरुआत कर दी है और जीवन बीमा के लिए बचत योजनाओं में निवेश बढ़ रहा है।
आईपीक्यू 5.0 के लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ प्रशांत त्रिपाठी ने कहा,“ हमने भारत के व्यवहार को समझने के मकसद से पांच साल पहले प्रोटेक्श्न कोशेंट सर्वे शुरू किया था – यह देश के लचीलेपन का निर्धारण करने के लिहाज़ से महत्वपपूर्ण संकेतक है। तभी से, इंडिया प्रोटेक्शेन कोशेंट लगातार वित्तीय सेहत संबंधी प्रमुख संकेतक बना हुआ है जो मैक्स लाइफ और लाइफ इंश्योंरेंस सेक्टर को वित्तीय तैयारियों के लिहाज़ से देश की तैयारियों को समझने में मदद करता रहा है।”