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इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात सितंबर में 10.85 प्रतिशत गिरा

नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर: मुख्य तौर पर लोहे और इस्पात के निर्यात में कमी से देश के इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात में सितंबर 2022 में गिरावट दर्ज की गयी जो चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार द्वारा निर्धारित 127 अरब डॉलर के क्षेत्रीय निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक चुनौती है।

भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी इंडिया) ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि देश का सितंबर 2022 में इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात वार्षिक आधार पर 10.85 प्रतिशत गिरकर 8.40 अरब डॉलर रहा जो सितंबर 2021 में 9.42 अरब डॉलर था।

यूरोप और चीन में मंदी का इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात पर बड़ा असर दिखा क्योंकि ये देश निर्यात के कुल एक-चौथाई हिस्से का वहन करते हैं।

सितंबर 2022 में देश से यूरोपीय संघ को किए गए इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात में वार्षिक आधार पर 6.3 प्रतिशत की गिरावट दिखी जबकि चीन को किए गए निर्यात में 64.5 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी।

प्रमुख 25 बाजारों में से 15 देशों में भारतीय इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात में गिरावट दर्ज की गयी।

सितंबर 2022 में देश के लिए इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार रहा। इस दौरान अमेरिका को किया गया निर्यात वार्षिक आधार पर नौ प्रतिशत बढ़कर 1.51 अरब डॉलर रहा।

ईईपीसी के अनुसार, चीन को किया गया निर्यात गिरकर 20.36 करोड़ डॉलर रहा जो सितंबर 2021 में 57.29 करोड़ डॉलर था।

यूरोपीय संघ के साथ आलोच्य माह में इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात वार्षिक आधार पर 6.3 प्रतिशत घटकर 1.61 अरब डॉलर रहा। यूरोप के जर्मनी, इटली, बेल्जियम और स्पेन ने भारत से इंजीनियर सामानों का आयात कम किया है। इस दौरान ब्रिटेन को भारतीय इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात वार्षिक आधार पर 37.9 प्रतिशत गिरकर 21.79 करोड़ डॉलर रहा।

ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन अरुण कुमार गरोड़िया ने कहा,“ इंजीनियरिंग निर्यात में गिरावट दर्ज की जा रही है। सितंबर में निर्यात में 10.85 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी जबकि समेकित आधार पर अप्रैल-सितंबर 2022 अवधि में निर्यात बहुत थोड़ा 1.15 प्रतिशत बढ़ा है। यह गिरावट मुख्य तौर पर इस्पात के निर्यात में कमी से देखी जा रही है। सितंबर माह में लोहा और इस्पात में 60 प्रतिशत से अधिक का दबाव देखा गया जबकि समेकित अवधि में 30 प्रतिशत से अधिक गिरा है। ”

उन्होंने कहा कि यह गिरावट गत 21 मई में लगाए गए 15 प्रतिशत निर्यात शुल्क का सीधा परिणाम है।

श्री गरोड़िया ने कहा, “ इस्पात निर्यात में गिरावट ने यूरोप, उत्तर पूर्व एशिया, अफ्रीका आदि सहित विभिन्न प्रमुख बाजारों में भारत की क्षमता को प्रभावित किया है। ईईपीसी इंडिया ने सरकार से विशेष रूप से स्टेनलेस इस्पात क्षेत्र पर निर्यात शुल्क पर ध्यान देने का अनुरोध किया है। यह देश के लिए प्रमुख निर्यात उत्पाद है। ये भारत के लिए प्रमुख निर्यात उत्पाद हैं जो मुख्य रूप से सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम द्वार उत्पादित है और इसकी घरेलू मांग भी कम है।”

अप्रैल-सितंबर 2022 अवधि में इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात वार्षिक आधार पर 1.15 प्रतिशत था। इस दौरान यह 55.14 अरब डॉलर रहा जो एक वर्ष पूर्व समान अवधि में 54.51 अरब डॉलर था।

सितंबर 2022 में लोहे और इस्पात के निर्यात के अलावा अन्य इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात वार्षिक आधार पर 4.94 प्रतिशत बढ़ा है और समेकित रूप से इसमें 12.37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।

चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में निर्यात 36.8 प्रतिशत घटा है।

सितंबर 2022 के दौरान पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने की तुलना में 34 में से 20 इंजीनियरिंग पैनल के निर्यात में साल-दर-साल वृद्धि दिखी।

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