मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में बंद होंगे शराब के अहाते, पीकर वाहन चलाने वालों का होगा लाइसेंस निलंबित

भोपाल, 20 फरवरी : मध्यप्रदेश मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में शराब से दूरी बनाने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए अब प्रदेश के सभी अहातों एवं शॉप बार को बंद करने और शराब पीकर वाहन चलाने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कल रात हुई मंत्रिपरिषद् की बैठक में ये महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब शराब के सभी अहाते और शॉप बार बंद किए जाएंगे। मदिरा दुकानों में बैठ कर मदिरा पीने की अनुमति नहीं होगी। शराब की दुकान के लिये शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों के आसपास के 50 मीटर के दायरे को बढ़ाकर 100 मीटर किया जायेगा। साथ ही शराब पीकर वाहन चलाने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने एवं सजा के प्रावधान कड़े किए जाएंगे।

प्रदेश में लंबे समय से शराब को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां जारी थीं। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती लगातार प्रदेश में शराबबंदी को लेकर सक्रिय बनी हुईं थीं। नई शराब नीति का स्वागत करते हुए उन्होंने आज अपने ट्वीट में उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा घोषित की गई नई शराब नीति अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल नीति बन जाएगी ।

मंत्रिपरिषद् के फैसलों को सराहनीय कदम बताते हुए भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि ये फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है। अहाते समूची सामाजिक व्यवस्था को नष्ट कर रहे थे। प्रदेश में लगातार पूर्ण शराबबंदी के लिए सामाजिक वातावरण की बात हो रही है, ऐसे में ये कदम सरकार की इस दिशा में गंभीरता को प्रकट कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लंबे समय से शराब की कोई नई दुकान नहीं खोली गई है। पूर्ण नशाबंदी होगी तो शराबबंदी स्वयंमेव हो जाएगी।

वहीं कांग्रेस ने शराब को लेकर उठाए गए इन सभी कदमों को भाजपा की अंतर्कलह बताया है। पार्टी की प्रदेश इकाई के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा ने यूनीवार्ता से कहा कि ये सभी कदम भाजपा की अंतर्कलह का परिणाम हैं। भाजपा ने अपनी वरिष्ठ नेत्री उमा भारती के दबाव और विरोध को कम करने के लिए ये ‘शाब्दिक जुगाली’ की है।

उन्होंने आरोप लगाया कि नई नीति में अवैध शराब तस्करी पर कोई बात नहीं होने से स्पष्ट हो गया है कि सरकार ने तस्करों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।

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