जम्मू कश्मीर में हड़ताल, पथराव, विरोध अब अतीत की बातें : सिन्हा
श्रीनगर 15 अगस्त : केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि यह राज्य विकास की ओर अग्रसर है तथा हड़ताल, पथराव और विरोध अब अतीत की बात हो गई है।
श्री सिन्हा ने 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर श्रीनगर में तिरंगा फहराने के बाद बूंदाबांदी के बीच शक्तिशाली चिनार के पेड़ों से घिरे शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में बोलते हुए कहा कि भारत पूरी मानवता की शांति और कल्याण चाहता है, लेकिन पूरे जोश के साथ हमारी स्वतंत्रता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने के लिए भी तैयार है। उन्होंने समाज के हर वर्ग से एक खुशहाल, शांतिपूर्ण और समृद्ध केंद्र शासित प्रदेश में अपना बहुमूल्य योगदान देने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि नापाक छद्म युद्ध से हमारे युवाओं को गुमराह करने की कोशिश करने वालों को करारा जवाब दिया जा रहा है। उन्होंने कहा,“पड़ोसी देश के इशारे पर चल रहे आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को अंतिम झटका दिया जा रहा है। हम आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोकेंगे।”
उन्होंने कहा कि हड़ताल, पथराव और विरोध अब अतीत की बात हो गई है। उन्होंने कहा, “मैं जम्मू कश्मीर के एक करोड़ 30 लाख नागरिकों से आतंकवाद और निर्दोषों पर अत्याचार के खिलाफ एक आवाज में बोलने की अपील करता हूं।”
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर नयी ऊंचाईयों की ओर बढ़ रहा है। एक मजबूत, शांतिपूर्ण और समृद्ध केंद्र शासित प्रदेश में लगातार तीन वर्षों में तेजी से विकास हो रहा है जो इतिहास में अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा,“सात लंबे दशकों का दुःस्वप्न खत्म हो गया है और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक भय मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त जम्मू-कश्मीर उभर रहा है।”
श्री सिन्हा ने कहा,“जम्मू कश्मीर आगे बढ़ रहा है। मैं समाज के हर वर्ग से एक खुशहाल, शांतिपूर्ण और समृद्ध केंद्र शासित प्रदेश में अपना बहुमूल्य योगदान देने का आह्वान करता हूं। इस स्वतंत्रता दिवस पर, आइए हम जम्मू-कश्मीर को नशा-मुक्त, भ्रष्टाचार-मुक्त और रोजगार-युक्त बनाने का संकल्प लें।”
उन्होंने कहा,“आज का दिन पवित्र स्मरण का दिन है। यह धरती अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के खून-पसीने की बनी है। उन्होंने हमारा झंडा ऊंचा रखा और हमारे विकास और प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया।” उन्होंने कहा,“मैं अपने प्यारे तिरंगे को सलाम करता हूं और उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने पीर-वेर की इस भूमि की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। मेरा दिल मां भारती के बहादुर सैनिकों के प्रति हमेशा के लिए कृतज्ञता से भर गया है।”
उपराज्यपाल ने सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने अपनी अद्भुत वीरता और बलिदान से भारत की एकता और अखंडता को बरकरार रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी प्यारी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों की याद में श्रीनगर में एक ‘गौरव स्तंभ’ स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में, एक पुनरुत्थानवादी संस्थागत ढांचे के कारण विकास योजनाओं के निष्पादन की गति में पांच गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में सरकार ने उन क्षेत्रों को विकसित करने का प्रयास किया है जो अब तक उपेक्षित रहे हैं। एक समान शासन प्रणाली से दलितों, आदिवासियों और सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश ने व्यापार, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, संस्कृति और खेल के क्षेत्र में सफलता के नए क्षितिज हासिल किए हैं।
उपराज्यपाल ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। मार्चिंग दल में जेकेपी, बीएसएफ, सीआरपीएफ, जेकेएपी, एसएसबी, आईटीबीपी, आईआरपी, महिला दल, वन सुरक्षा बल और एनसीसी शामिल थे।