युवाओं के कौशल निखारने के लिये आईटीआई सर्वश्रेष्ठ:शिवराज
भोपाल, 20 सितम्बर : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षा के तीन उद्देश्य है। ज्ञान देना, कौशन देना और नागरिकता के संस्कार देना। कौशल शिक्षा की आत्मा है, इसके बिना कोई भी शिक्षा अधूरी है। ज्ञान हमें बताता है कि हमें क्या करना है और कौशल यह सिखाता है कि उसे कैसे करना है।
श्री चौहान आज कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग के राज्य स्तरीय आईटीआई दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर युवाओं के हाथ में हुनर रहेगा तो रोजगार भी आसानी से मिलेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को अगर हमें संवारना है तो वह स्किल के माध्यम से ही होगा। युवा जनसंख्या हमारे देश में सबसे अधिक है और यही हमारी ताकत बन कर उभरेगी। उन्होंने कहाकि युवाओं के हाथों में केवल कौशल दे दिया जाएँ तो चमत्कार कर सकते है।
उन्होंने कहा कि अब तक हमने कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन पूरा होने पर दीक्षांत समारोह के आयोजन देखे है, लेकिन आज मध्यप्रदेश संभवत: देश का पहला राज्य है जहाँ आईटीआई के विद्यार्थियों के कोर्स पूरा होने पर दीक्षांत समारोह हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया में यदि सबसे ज्यादा किसी की मांग है तो कौशल की है। हजारों प्रकार की ऐसी सेवाएँ है, जिनकी लोगों को रोज जरूरत पड़ती है और इसके लिये विशेष कौशल की आवश्यकता होती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि देश में जिस प्रकार की कौशल की आवश्यकता है उसकी आपूर्ति हमारे आईटीआई करते है। भोपाल का ग्लोबल स्किल पार्क, सिंगापुर का स्किल पार्क देखने से प्राप्त प्रेरणा का परिणाम है। आज बच्चों के हाथ में यदि कौशल है तो वह बेरोजगार नहीं रहेंगे। कौशल विकास पर हमने निरंतर ध्यान दिया है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं की कौशल प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका है। हम अपने आईटीआई को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ संचालित कर रहे हैं।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की संस्थाओं में नए ट्रेड भी शुरू किए जा रहे। संभाग स्तर पर सभी आईटीआई सुविधा युक्त भवन में संचालित हो, इसके लिए कार्य प्रारंभ किया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित आधुनिक युग की आवश्यकताओं के अनुसार जरूरी ट्रेड प्रारंभ करने में कोई कसर छोड़ी नहीं जाएगी। बच्चों को अधिक से अधिक काम मिले उसके अनुरूप आवश्यक तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था भी की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह के लिए तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया और विभाग के अधिकारी बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं को जोड़ने का प्रयास है। युवा अपना उद्यम प्रारंभ करें इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना से आवश्यक सहयोग दिया जा रहा है। योजना में अपने उद्यम की स्थापना के लिए युवाओं को 50 लाख रूपए तक का ऋण देने का प्रावधान है। राज्य शासन द्वारा लोन की गारंटी भी दी जाएगी। हमारे प्रदेश के विद्यार्थियों में प्रतिभा है। छात्र शिवम, सिंगापुर उच्च तकनीकी शिक्षा के लिए जा रहा। ऐसे सभी विद्यार्थियों को बधाई।
श्री चौहान ने कहा कि रोजगार दिवस के आयोजन से तकनीकी शिक्षा प्राप्त बच्चों को प्लेसमेंट मिले, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। इस माह भी 29 सितंबर को रोजगार दिवस मनाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के हर ब्लॉक में कम से कम एक आईटीआई होगी, जिससे प्रशिक्षण लेने लोगों को दूर नहीं जाना पड़ेगा। आईटीआई प्रमाण-पत्र किसी भी डिग्री से कम नहीं है।
श्री सिंह चौहान ने राज्य स्तरीय आईटीआई दीक्षांत समारोह में रिमोट का बटन दबा कर केन्द्र शासन की संकल्प योजना में ‘ग्रामीण इंजीनियर योजना’ का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक पंचायत में ग्रामीण इंजीनियर पदस्थ करने से नल जल योजना के संधारण, जल सप्लाई लाइन के सुधार, प्रधानमंत्री आवास योजना के आवासों के लिए मार्गदर्शन और अन्य कार्यों में ऐसे इंजिनियर्स भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि हम ग्रामीण इंजीनियर की परिकल्पना पर काम करेंगे। हर ग्राम पंचायत में कम से कम 4 ग्रामीण इंजीनियर होंगे, जो वहाँ की सुविधाओं जैसे बिजली, पानी, निर्माण कार्यों आदि में अपना योगदान देंगे।
प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास आकाश त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश के 52 जिलों में 237 विकासखण्डों में 262 शासकीय आईटीआई संचालित है। आईटीआई विहीन 46 विकासखण्डों में इस सत्र से 24 नवीन शासकीय आईटीआई प्रारंभ की गई है। उन्होंने बताया कि आईटीआई 57 कौशल आधारित व्यवसायों में 46 हजार 8 युवाओं को प्रवेश देने की क्षमता उपलब्ध है। भारत सरकार द्वारा आयोजित आईटीआई परीक्षा में प्रदेश के 82 हजार 271 प्रक्षिणार्थियों ने 71 हजार 838 प्रशिक्षणार्थी उत्तीर्ण हुए है।
इस वर्ष अभी तक लगभग 4 हजार 507 प्रशिक्षणार्थियों का विभिन्न नियोजक कम्पनियों द्वारा प्राथमिक चयन किया गया है। साथ ही विगत एक वर्ष में विभिन्न नेशनल अप्रेन्टीसशिप मेले में 14 हजार 330 अभ्यर्थी चयनित हुए है। प्रदेश के 19 आईटीआई को देश में 3 स्टार और 96 आईटीआई को 2 स्टार रेटिंग मिली है। मध्यप्रदेश शासकीय आईटीआई संख्या के मामले में देश में तीसरे स्थान पर है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में वर्ल्ड स्किल प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र एवं पारितोषिक राशि का वितरण किया। उन्होंने राज्य स्तर पर मेरिट अनुसार 10 प्रशिक्षणार्थियों को स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने वाले और प्लेसमेंट प्राप्त 5-5 प्रशिक्षणार्थियों को भी प्रमाण-पत्र वितरित किये। उन्होंने राज्य स्तर पर प्लेसमेंट के लिये उत्कृष्ठ कार्य करने वाले 2 उत्कृष्ठ अधिकारियों को प्रमाण-पत्र दिये। “स्किल गेप एनालिसिस” बुकलेट का विमोचन मुख्यमंत्री श्री चौहान और तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने “स्किल गेप एनालिसिस” बुकलेट का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में रोजगार बोर्ड के अध्यक्ष श्री शैलेंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं निर्माण बोर्ड नरेन्द्र बिरथरे और संचालक कौशल विकास हरजिंदर सिंह उपस्थित थे। दीक्षांत समारोह में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों की बड़ी संख्या में भागीदारी रही।