मध्य प्रदेश

जन भागीदारी समिति सामाजिक उत्तरदायित्व ईमानदारी से निभाएँ-यादव

भोपाल, 13 मार्च : मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जन-भागीदारी समितियों में मनोनीत अध्यक्ष अपनी नई भूमिका में ऐसे नवाचार करें, जो विद्यार्थियों के जीवन में बदलाव ला सकें। अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को ईमानदारी से निभाएँ।

डॉ. यादव आज प्रशासन अकादमी में प्राचार्यों एवं जन-भागीदारी समितियों में मनोनीत अध्यक्षों के 2 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में तीसरे वर्ष में प्रवेश कर रहा है। हमारी चुनौतियाँ भी बढ़ गई है।

नीति में हमें कई नए पाठ्यक्रम को शुरू करने की स्वतंत्रता मिलती है। उन्होंने जन-भागीदारी समिति के अध्यक्षों से आहवान किया कि वे महाविद्यालयों के प्राचार्यों के साथ नई शिक्षा नीति को समझें और प्लानिंग करें। महाविद्यालयों में कृषि, उद्यानिकी आदि विषयों पर केन्द्रित पाठ्यक्रम को शुरू करने में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि विषय-विशेषज्ञों को महाविद्यालय में आमंत्रित कर ऐसे पाठ्यक्रमों को शुरू करवाएँ, जो न सिर्फ रोजगारोन्मुखी हो बल्कि विद्यार्थियों के जीवन में बदलाव भी ला सकें। महाविद्यालय कैम्पस में पौधों की नर्सरी तैयार करें, इससे संबंधित पाठ्यक्रम भी संचालित किये जायें। पर्यटन के लिये गाइड का निर्धारित पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा सकता है।

मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महाविद्यालय द्वारा कंसल्टेंट नियुक्त कर स्थानीय मूल्यों पर आधारित रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने में सक्रिय भूमिका निभाएँ। महाविद्यालयों के पूर्व छात्रों को अपने साथ अवश्य जोड़ें। उन्होंने कहा कि जन-भागीदारी समिति के अध्यक्ष अपनी व्यवस्थित प्लानिंग बना कर कार्यकाल का पूरा उपयोग करें और महाविद्यालय का नाम रोशन करें।

अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा के.सी. गुप्ता ने कहा कि आज के उन्मुखीकरण कार्यक्रम से कई शंकाएँ दूर होंगी। जन-भागीदारी समिति में अशासकीय प्रतिनिधि मनोनीत करने का आशय यह है कि महाविद्यालय का कार्यक्षेत्र महाविद्यालय तक सीमित न रहे, पारदर्शिता और गुणवत्ता भी आए। उन्होंने कहा कि प्राचार्य और समिति अध्यक्ष बच्चों की शिक्षा और उनके सम्पूर्ण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम, औद्योगिक क्षेत्रों का भ्रमण कर सामाजिक कार्यक्षेत्र में विद्यार्थियों का सहयोग, महाविद्यालय में बाहरी हस्तक्षेप को रोकना आदि जन-भागीदारी समिति के अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी है।

आयुक्त उच्च शिक्षा कर्मवीर वर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा पहली बार 314 महाविद्यालयों के प्राचार्य और मनोनीत जन-भागीदारी समिति के अध्यक्षों को 2 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में जन-भागीदारी समिति के नियम, निर्देश एवं महाविद्यालय प्रबंधन के संबंध में विस्तृत चर्चा की जाएगी। साथ ही विभागीय अधिकारी और विषय-विशेषज्ञों द्वारा जन-भागीदारी समिति से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया जायेगा।

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