अमृतपाल के हिंदू-सिख बयानों से युवाओं को किया जा रहा गुमराह : औजला
अमृतसर 15 नवंबर : पंजाब में अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला ने राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति और भाई अमृतपाल सिंह द्वारा खालिस्तान मुद्दे पर लगातार हो रही चर्चा पर मंगलवार को रोष व्यक्त किया और कहा कि राज्य में हिंदू-सिख एकता लगातार कमजोर होती जा रही है।
श्री औजला ने यहां कहा कि एसजीपीसी ने अमृतपाल सिंह को प्रोत्साहन दिया है और बादल परिवार इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है। क्योंकि अमृतपाल सिंह की पगड़ी बांधने के मौके पर शिरोमणि अकाली दल की सहमति से ही उन्हें एसजीपीसी की ओर से पगड़ी दी जाती है। साथ ही अन्य संगठन भी उनका खुलकर समर्थन कर रहे हैं। शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने अगर उन्हें उपाधि देकर गलती की है, लेकिन फिर भी धामी को बादल परिवार द्वारा फिर से शिरोमणि कमेटी का अध्यक्ष बना दिया जाता है, जो सीधे तौर पर दिखाता है कि बादल पंजाब की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अमृतपाल बयान दे सकते हैं लेकिन किसी भी धर्म या किसी हिंदू सिख मुद्दे पर बात करके युवाओं को गुमराह नहीं करना चाहिए क्योंकि बोलने का अधिकार सभी को है लेकिन अगर हम किसी धर्म या मान्यता के बारे में बात करते हैं तो हमें उनके साथ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हमारे पंजाब में, जहां भाईचारा बचा है, अपने ही रिश्तों और मतभेदों को भुलाकर हम हिंदू और सिख एक-दूसरे के साथ प्रेम के बंधन को मजबूत करने में मदद कर रहे हैं, लेकिन कहीं न कहीं अमृतपाल सिंह द्वारा युवाओं को गुमराह किया जा रहा है जो पंजाब और पंजाब के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
श्री औजला ने कहा कि 1975 में आपात मोर्चे के दौरान भी बादल परिवार ने पंजाब के साथ दोहरी नीति अपनाई थी, उस समय केंद्र सरकार सब कुछ मानने को तैयार थी, लेकिन बादल परिवार को सत्ता हाथ से फिसलती नजर आ रही थी और इसीलिए उन्होंने गुरचरण सिंह टोहरा का अनुसरण किया उन्होंने आपातकाल का विरोध किया और आज हम सभी पंजाबी इससे पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का हिस्सा है, लेकिन इन्हीं गलत नीतियों के कारण चंडीगढ़ हमसे छिन गया। उन्होने कहा कि पंजाब में जब अकाली दल की सरकार थी, तब अकाली दल या एसजीपीसी को बंदी सिखों की रिहाई के बारे में क्यों याद नहीं आया। गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल और एसजीपीसी सिखों का प्रतिनिधित्व करती रही है लेकिन आज भाईचारे को तोड़ने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं। वहीं शिरोमणि अकाली दल का कोई खुला बयान सामने नहीं आ रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पिछले पांच साल पंजाब में सेवा की, कांग्रेस सरकार के दौरान पंजाब के हर वर्ग और हर धर्म का सम्मान किया गया और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने देश और पंजाब के लिए अपनी जान गंवाई।
श्री औजला ने कहा कि अमृतपाल के बयानों के जरिए आज हिंदू समुदाय, ईसाई समुदाय और सिख समुदाय के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस पर कानूनी कदम उठा सकती है लेकिन आज पंजाब सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की भाजपा और शिरोमणि अकाली दल अभी भी पंजाब में ‘फूट डालो राज करो’ की नीति पर आंतरिक रूप से मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में शांति कायम रखने में सरकार की अहम भूमिका है, लेकिन भगवंत मान की सरकार ने आज पंजाब में डर का माहौल बना दिया है।