भगवंत मान पंजाब के युवाओं से करेंगे सीधा संवाद

चंडीगढ़, 05 अप्रैल : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के नौजवानों का आह्वान करते हुए बुधवार को कहा कि वह नौजवानों से सीधा संवाद करने के लिए उनके साथ महीने में दो बार ‘नौजवान सभा’ करेंगे।
एक वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि वे अपनी भावनाओं के साथ किसी को खेलने की अनुमति न दें क्योंकि ऐसे शरारती तत्व अपने निहित स्वार्थ की पूर्ति होने के बाद गायब हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इन सभाओं का उद्देश्य युवाओं के साथ सीधे संवाद करना और उनकी प्रतिक्रिया और सुझाव प्राप्त करना है जिससे सरकार उनके लिए नया व्यवसाय शुरू करने और किसी अभिनव पहल करने के लिए उपयुक्त नीतियां तैयार कर सके।
श्री मान ने कहा कि कृषि, परिवहन और अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए युवाओं से सुझाव प्राप्त करने के लिए प्रत्येक 15 दिनों में उनके साथ गहन चर्चा की जाएगी।
श्री मान ने पंजाब के युवाओं को कुशल, सक्षम और दृढ़ संकल्प वाला बताते हुए कहा कि युवाओं के पास अपने भविष्य को संवारने के लिए हजारों सपने हैं लेकिन यह दुखद है कि उन्हें अपने सपनों को साकार करने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाते हैं। पंजाब सरकार नए व्यवसाय शुरू करने के लिए युवाओं को अपना पूरा समर्थन प्रदान करेगी।
श्री मान ने कहा कि राज्य के युवा नए और अभिनव विचारों से लैस हैं जो पंजाब के विकास और समृद्धि में सहायक साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य के युवाओं को आवश्यक मंच और समर्थन प्राप्त हो सके।
उन्होंने कहा “ मेरा लक्ष्य है कि पंजाब के युवाओं को ‘उद्देश्यहीन’ करार न दिया जाए और मैं चाहता हूं कि वह अपना रोल मॉडल खुद बनें, जिससे कोई और उनकी योग्यता और क्षमता का लाभ नहीं उठा सके। ”
श्री मान ने युवाओं से शीर्ष पद तक पहुंचने के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने का आग्रह किया और अफसोस व्यक्त किया कि प्रौद्योगिकी के इस युग में, राज्य के युवा रोजगार का बेहतर अवसर प्राप्त करने के लिए कौशल ज्ञान की प्राप्ति में सबसे कम रुचि रखते हैं। पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय (पीटीयू) में प्रवेश दर केवल 35 प्रतिशत तक रह गई है। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में 40,000 छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें केवल 5,200 छात्र पंजाब से हैं।
उन्होंने कहा “ मेरी इच्छा है कि पंजाब के युवा नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें। पंजाब के युवा उच्च पदों तक पहुंचेंगे ।”
उन्होंने कहा कि पंजाबी युवाओं ने विदेशी कार्य संस्कृति के कारण अपनी कड़ी मेहनत, लचीलापन और दृढ़ता के कारण विदेशों में अपनी क्षमता साबित की है और वे विदेशियों की तुलना में अपने व्यवसायों को स्थापित करने और विस्तार करने में ज्यादा कामयाब रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन देशों ने अपनी कार्य संस्कृति के कारण ही विकसित देशों का दर्जा प्राप्त किया है।
अपने निजी जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि “मैं पंजाब की बेहतरी के लिए प्रतिदिन 12 घंटे से ज्यादा काम करता हूं और छुट्टियों में भी सरकारी फाइलों को निपटाने के साथ-साथ बैठकों में हिस्सा लेता हूं। प्रत्येक दिन, मैं पंजाबियों का कल्याण करने के लिए कुछ नई पहल करने और निर्णय लेने की कोशिश करता हूं, जिससे पंजाब जल्द ही एक प्रगतिशील राज्य बन सके।”