सूर्य, चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी में व्यस्त इसरो
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) 23 अक्टूबर : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 2023 में सूर्य और चन्द्रयान-3 मिशन सहित विभिन मिशन का प्रक्षेपण करेगा।
भारत के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलके-एमके III को एलएमवी-3 के रूप में पुनः स्वरूपित करने के बाद, जिसने अपने दूसरे लॉन्च पैड से ब्रिटेन स्थित वन वेब के 36 उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में सफलतापूर्वक भेजा, संवाददाताओं से बात करते हुए इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के लिए अगला वर्ष बहुत व्यस्त है क्योंकि यह सूर्य (आदित्य-एल 1) और चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान भेजने के अलावा व्यावसायिक और नेविगेशन मिशन भी शुरू करेगा।
उन्होंने कहा कि इसरो की योजना अगले वर्ष जून के मध्य तक चंद्रयान-3 मिशन को प्रक्षेपित करने की है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान के लिए परीक्षण चल रहा है और हम अगले वर्ष जून के आसपास मिशन की योजना बना रहे हैं। उन्होंने सूर्य मिशन के लिए कहा आदित्य-एल1 एक कोरोनोग्राफी अंतरिक्ष यान होगा जो सौर वातावरण का अध्ययन करेगा, इसके प्रधान वैज्ञानिक इसरो यू आर राव सैटेलाइट सेंटर, बेंगलुरु के डॉ शंकरसुब्रमण्यम हैं। इस अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के पहले लैग्रेंज प्वाइंट, एल 1 के चारों ओर एक प्रभामंडल की कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
इसरो ने कहा कि आदित्य-एल1 विद्युत चुम्बकीय और अणु डिटेक्टरों का उपयोग करके सूर्य (कोरोना) की फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सबसे बाहरी परतों का निरीक्षण करने के लिए अपने साथ सात अंतरिक्ष उपकरण लेकर जाएगा।
डॉ. सोमनाथ ने कहा कि इसरो नए वर्ष की शुरुआत एक और वन वेब मिशन के साथ करेगा, जो आज की तरह 36 उपग्रहों का एक और सेट लियो में स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 की समाप्ति दूसरे लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) के प्रक्षेपण से होगी, इस वर्ष की शुरुआत में एसएसएलवी का पहला प्रक्षेपण असफल रहा था। दिसंबर में, इसरो महासागरों का अध्ययन करने के लिए ओशनसैट -3 के अलावा, अगले वर्ष अंतरिक्ष में एक नेविगेशन उपग्रह भेजेगा जो अपने साथ कुछ अन्य उपग्रहों को लेकर जाएगा।