पाकिस्तान से आये जायरीनों के जत्थे ने अजमेर दरगाह में पेश की चादर
अजमेर 30 जनवरी : पाकिस्तान से आये जायरीनों के जत्थे ने आज राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स के मौके पर उनकी पवित्र मजार पर पाकिस्तानी हुकुमत की ओर से मखमली चादर एवं अकीदत के फूल पेश किए।
राजस्थान में अजमेर के पुरानी मण्डी सैन्ट्रल गर्ल्स स्कूल में ठहरे पाकिस्तानी जत्थे के 240 सदस्य सुबह कड़ी सुरक्षा और पुलिस घेरे में पाकिस्तान से लाई गई विभिन्न चादरों को अदब से सिर पर रख कर जुलूस की शक्ल में सैन्ट्रल गर्ल्स स्कूल से रवाना होकर नया बाजार, कडक्का चौक, धानमंडी, दरगाह बाजार होते हुए दरगाह के निजाम गेट पहुंचे।
इस दौरान रास्ते भर पाकिस्तान की चादर देखने के लिए कौतुहल बना रहा। पुलिस की कडी चौकसी आगे से आगे रास्ता बनाती रही जिससे पाकिस्तानी जायरीनों को कोई तकलीफ नहीं हुई। सभी ने इतमिनान से मजार शरीफ पहुंचकर पहले पाकिस्तान सरकार की तरफ से मखमली चादर एवं अकीदत के फूल पेश किये और फिर बारी बारी से अपनी अपनी चादर चढाई।
सभी ने दोनों देशों के बीच अमनो अमान, मित्रता, भाईचारे के लिये दुआ की। साथ ही दोनों मुल्कों में बेहतर रिश्ते और प्यार मोहब्बत की बात कही। कुछ पाकिस्तानियों ने भारत सरकार एवं अजमेर प्रशासन का इस बात के लिये शुक्रिया अदा किया कि पाकिस्तान से भारत में आने पर उनके लिए बेहतर इन्तेजामात किये गये और अच्छे तरीके से खिदमत की गई। यहां पूरा प्यार मिला। एक पाकिस्तानी पूरे समय एक हाथ में पाकिस्तान तो दूसरे हाथ में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा थामे रहा।
जत्थे के सदस्यों की दरगाह परिसर में दस्तारबंदी की गई। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था दो साल बाद यहां उर्स में शरीक हुआ है। गत 24 जनवरी की सुबह पहुंचा यह दल एक फरवरी की सायं अपने वतन लौट जायेगा।