उत्तर प्रदेश

भाजपा सरकार की नीतियां किसान मजदूर के खिलाफ : राय

लखनऊ 13 दिसम्बर : राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने मंगलवार को कहा कि केन्द्र और उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की नीतियां कारपोरेट घरानो को ध्यान में रख कर बनायी जा रही हैं जो किसान,मजदूर और छोटे व्यापारियों के हितों के खिलाफ हैं।

श्री राय ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी किसानों और मजूदरों के विरुद्ध किये जा रहे षड़यंत्र को देश के लिए घातक मानती है। सरकार की नीतियां और नीयत किसान मजदूर और छोटे व्यापारियों के विरुद्ध हैं। सरकार की सभी नीतियां कार्पोरेट घरानों के हितों को ध्यान में रखकर बनायी जा रही है। यही कारण है कि गरीबी और बेरोजगारी बढती जा रही है। मंहगाई आसमान छू रही है और देश की सम्पदा पर मुट्ठी भर लोगों का कब्जा होता जा रहा है।

उन्होने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयन्ती 23 से 30 दिसम्बर तक प्रदेश में “किसान मजदूर जागरण सप्ताह” के रूप में मनाया जायेगी। इस दौरान किसान हितैषी नीतियों की चर्चा होगी जबकि 30 दिसम्बर तक प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर गोष्ठी, ग्राम चौपाल तथा भ्रमण के अतिरिक्त सहभोज आदि के कार्यक्रम होंगे।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के साथ किये गये वादों एवं समझौतों का पालन न करने की घोर भर्त्सना करती है तथा इसे किसानों के साथ विश्वासघात मानती है।

एक वर्ष से अधिक समय तक किसानों द्वारा आयोजित धरने में लगभग 750 किसानों ने शहादत दिया फिर भी न एमएसपी पर कानून बना और न ही उन पर फर्जी ढंग से दर्ज किये गये मुकदमें वापस लिये गये। प्रदेश सरकार ने किसानों से गन्ना मूल्य बढाने और 14 दिनों के अन्दर भुगतान का वायदा भी किया था मगर न तो गन्ने का भुगतान 14 दिन में हुआ, न ही पिछले बकाया का अभी तक पूरा भुगतान हो सका है और न ही बिजली का बिल हाॅफ किया गया है।

उन्होने कहा कि पिछले एक साल में खाद, बीज, कीटनाशक, डीजल और पेट्रोल के मूल्य में भारी वृद्धि हुयी है लेकिन अभी तक गन्ना मूल्य में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं हुयी जो सरकार के किसान विरोधी होने का परिचायक है। प्रदेश में धान क्रय केन्द्रों पर खरीद नाम मात्र की हो रही है किसान परेशान है।

उत्तर प्रदेश में जीएसटी को एक बार फिर इंस्पेक्टर राज की तरह प्रयोग किया जा रहा है जिसे चौधरी चरण सिंह ने जनता पार्टी शासन में समाप्त किया था आज छोटे व्यापारी जीएसटी अधिकारियों की प्रतिदिन की छापेमारी से परेशान और तबाह हैं।

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