राजस्थान के पारंपरिक खेलाें पर शोध करेगा गाजियाबाद का आईएमटी
गाजियाबाद, 06 सितंबर : देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देते हुए परंपरागत खेलों का संरक्षण करने के लिये हाल ही में ‘स्पोर्ट्स रिसर्च सेंटर’ की स्थापना करने वाले देश के पहले खेल प्रबंधन संस्थान आईएमटी, गाजियाबाद को राजस्थान के पारंपरिक खेलों पर शोध कर इन्हें बच्चों के लिये रुचिकर बनाने की जिम्मेदारी दी गयी है।
आईएमटी की ओर से मंगलवार को बताया गया कि राजस्थान के तीन विश्वविद्यालयों ने प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र की मौजूदगी में संस्थान के साथ इस आशय के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। इसके तहत खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिये उचित मंच प्रदान कर रहे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में संचालित आईएमटी को राजस्थान के पारंपरिक खेलाें की खाेज एवं उनको बढ़ावा देने के लिए ध्वजवाहक बनाया गया है।
राजस्थान के उदयपुर स्थित मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और बांसवाड़ा स्थित गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय ने राजस्थान के पारंपरिक खेलों पर शोध करने के लिये आइएमटी गाजियाबाद के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं। जयपुर स्थित राजभवन में राज्यपाल मिश्र की उपस्थिति में एमओयू पर गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आईवी त्रिवेदी और आइएमटी के निदेशक डाॅ. विशाल तलवार ने हस्ताक्षर किये।
प्रो त्रिवेदी ने बताया कि आईएमटी गाजियाबाद के स्पोर्ट्स रिसर्च सेन्टर के प्रमुख डा. कनिष्क पाण्डेय ने राजस्थान में खेलों की स्थिति को लेकर एक अध्ययन किया। अध्ययन को आगे बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालयों से संपर्क किया गया और इस क्षेत्र में खेलाें के भविष्य को सुरक्षित रखने के काम को आगे बढ़ाने के लिए तीनों विश्वविद्यालयों ने आईएमटी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं। आईएमटी के निदेशक डा. तलवार ने बताया कि आईएमटी देश का अकेला ऐसा संस्थान है, जिसमें खेलों को लोक संस्कृति बनाने के लिए निरंतर शोध किया जा रहा है और देश के सुदूर क्षेत्रों में पारंपरिक खेलों को पहचान कर उन्हें फिर से लोकप्रिय बनाया जाता है।