झांसी के आदिवासी परिवार के लोग हुए लखनऊ में हादसे का शिकार
झांसी 16 सितंबर : उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की मऊरानीपुर तहसील में बंगरा ब्लॉक के पचवारा गांव से रोज़ी रोटी की जुगाड में निकल राजधानी लखनऊ पहुंचे एक आदिवासी परिवार के पांच लोग बारिश के कारण गिरी दीवार की चपेट में आकर शुक्रवार को मारे गये और इस परिवार में अब केवल एक बूढ़ी मां ही बची है।
झांसी जिला प्रशासन के आदेश के बाद मौके पर पहुंचे तहसीलदार घनश्याम ने पचवारा गांव पहुंचकर हादसे का शिकार हुए परिवार में बची बूढ़ी मां से बातचीत की और ग्रामीणों से भी वार्ता की। तहसीलदार ने बताया कि इस परिवार की एक महिला भगवती देवी गांव में मिली हैं उनका एकमात्र जायज वारिस लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती है। शासन की ओर हादसे में मारे गये लोगों को आर्थिक मदद मुहैया कराने के लिए परिवार के जायज वारिस के बैंक खाते का पता लगाया जा रहा है। अभी पता नहीं चला है यदि खाता नहीं है तो उनके नाम से खाता खुलवाया जायेगा ताकि पीड़ित परिवार को शासन की ओर से दी गयी मदद सीधे उनके खाते में भेजी जा सके।
ग्रामीणों ने बताया कि यह सब आदिवासी जाति के लोग हैं जिनके पास रहने के लिए भी घर नहीं है। पूरा परिवार झोपड़ी में रहता था और दो वक्त की रोटी के लिए इधर उधर काम करने के लिए चले जाया करते थे। परिवार में बस एक बूढ़ी मां है जो गांव में ही झोपड़ी में रहती है। इन लोगों के पास कोई भी जमीन नहीं है। यह अपना भरण-पोषण मजदूरी के सहारे ही किया करते थे। मजदूरी करने ही मां को छोड़ परिवार के सभी लोग लखनऊ गये थे।
भगवती देवी का बेटा पप्पू अपने साथ पत्नी मानकुंवर देवी और बेटे प्रदीप तथा बहू रेशमा को भी लेकर गया था। प्रदीप की एक साल की बेटी नैना भी उनके साथ थी , वह भी हादसे का शिकार हुई। इस परिवार में अकेला पप्पू का दूसरा बेटा गोलू ही बचा है जो गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। हादसे की खबर सुनकर पूरे गांव में मातम छाया हुआ है।
गौरतलब है कि हादसे में मारे गये लोगों के परिजनों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री राहत सहायता कोष से चार चार लाख रुपये देने की घोषणा की है।