उत्तर प्रदेश

योगी के मंत्री को एक साल की सजा,जमानत भी मिली

कानपुर, 08 अगस्त : उत्तर प्रदेश में कानपुर की एक अदालत ने अवैध असलहा बरामदगी के करीब तीन दशक पुराने एक मामले में प्रदेश के कबीना मंत्री राकेश सचान को एक साल के कारावास और 1500 रूपये जुर्माने की सजा सुनायी है और साथ ही उनकी जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुये निजी मुचलके पर रिहा कर दिया।

आर्म्स एक्ट के एक मामले में सचान अपने छह वकीलों के साथ सोमवार को अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट आलोक यादव की अदालत में पेश हुये जहां अदालत ने उन्हे एक वर्ष की कैद व 1500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई,वहीं पहले से पड़ी उनकी जमानत अर्जी को भी कोर्ट ने मंजूरी देते हुए 20-20 हजार के दो बंधपत्र एवं एक निजी मुचलके पर रिहा भी कर दिया है।

इस दौरान दोनों ही पक्षों के वकील की दलील कोर्ट में सुनी गई। सुनवाई पूरी होने के बाद कैबिनेट मंत्री के वकील रामेंद्र कटियार ने कोर्ट रूम में मौजूद न्यायाधीश से कम से कम सजा की मांग की। दोनों ही पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री राकेश सचान दोषी करार दिए और एक वर्ष का साधारण कारावास और 1500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई।

सचान के अधिवक्ता ने कोर्ट से अपील के लिए 15 दिन का समय मांगा और उसकी कापी देने की बात कही। इस पर कोर्ट ने मंत्री की जमानत याचिका को मंजूरी देते हुए 20-20 हजार के दो बंधपत्र एवं एक निजी मुचलके पर रिहा किया गया है।

गौरतलब है कि योगी सरकार में मंत्री राकेश सचान के खिलाफ 1991 में अवैध असलहा बरामदगी का मामला कानपुर की एसीएमएम तृतीय की अदालत में विचाराधीन चल रहा था। बीते छह अगस्त को कोर्ट का फैसला आना था और मंत्री भी कचहरी पहुंचे थे। कोर्ट दोषी करार दिए जाने के बाद वह अचानक गायब हो गए थे।

देर शाम कोर्ट की रीडर कामिनी द्वारा कोतवाली में दी गई तहरीर में मंत्री राकेश सचान पर कोर्ट के आदेश की मूल प्रति लेकर फरार होने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। प्रकरण की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी से रिपोर्ट भी तलब की थी। वहीं पुलिस अफसरों ने कोर्ट कर्मी की तहरीर पर जांच के बाद मुकदमा दर्ज करने की बात कही थी। कोर्ट की अनुमति के बाद सीसीटीवी फुटेज जांचने को लेकर पुलिस ने कवायद शुरू करने की जानकारी दी थी।

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